जौनपुर। बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश की आगरा में अधिवक्ता द्वारा गोली मारकर की गई हत्या के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार को परिसर व सभी जिला न्यायालयों में कड़ी सुरक्षा के लिए तत्काल कार्यवाही के निर्देश जारी किए।
कहा कि हाईकोर्ट के अलावा सभी जिला न्यायालयों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए जाए। विभिन्न जिलों के कोर्ट परिसर में आतंकी वारदातों व वकीलों के खिलाफ अपराध के बाद पहले भी हाईकोर्ट द्वारा सुरक्षा व्यवस्था संबंधी निर्देश दिए गए जिससे दीवानी न्यायालय में सीसीटीवी फुटेज लगा। बीच में कई बार मेटल डिटेक्टर वगैरह से चेकिंग भी की गई लेकिन वर्तमान में मेटल डिटेकटर खराब पड़े हैं।

दीवानी के मुख्य द्वार, अन्य गेट पर तथा परिसर में कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया गया। हाल ही में एसपी के निर्देश पर कुछ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी दीवानी न्यायालय में लगाई गई लेकिन वे गेट के पास बैठे रहते हैं। ज्यादातर मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। कोई चेकिंग या जांच नहीं की जाती। एक डेढ़ घंटे बाद वह भी नदारद हो जाते हैं।
हत्याकांड के बाद भी मात्र एक गेट पर तीन चार पुलिसकर्मी एक डेढ़ घंटे के लिए रहते हैं। उसके बाद नदारद हो गये। एक कोर्ट के बाहर लगे सुरक्षाकर्मी मोबाइल पर ही व्यस्त दिखे। इतनी बड़ी घटना के बाद भी परिसर में सुरक्षा व्यवस्था या चेकिंग नाम की कोई चीज नहीं दिखी जबकि यहां भी श्रमजीवी विस्फोट कांड के आतंकियों व अन्य कुख्यात आरोपियों की बराबर पेशी होती है। 9 फरवरी 2018 को दीवानी न्यायालय में ईसी एक्ट की कोर्ट के बाहर गोली भी चल चुकी है।
आरोपी रिवाल्वर फेंककर भाग गया था। परिसर में अफरा-तफरी मच गई थी। न्यायालय गेट पर यह बोर्ड लगा हुआ है कि परिसर में पुलिसकर्मियों को छोड़कर किसी व्यक्ति द्वारा अस्त्र-शस्त्र का प्रवेश वर्जित है। इसके बावजूद तमाम लोग न्यायालय में अस्त्र शस्त्र लेकर प्रवेश करते हैं। कभी भी बड़ी वारदात दीवानी न्यायालय में भी हो सकती है।



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