जौनपुर: पूर्व एडीओ सहित 6 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने का आदेश | AAPKIUMMID
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जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र निवासी अरविंद के प्रार्थना पत्र पर सीजेएम कोर्ट ने पूर्व एडीओ, ग्राम प्रधान सहित 6 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने का आदेश थानाध्यक्ष सरायख्वाजा को दिया है। प्राथमिकी दर्ज कर उसकी प्रतिअविलंब रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का भी आदेश हुआ।
मामले के अनुसार अरविंद पुत्र फिरन्ती निवासी जर्रो ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि वर्ष 2016-17 में उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया था। सूची में चयन हुआ लेकिन ग्राम प्रधान, पूर्व एडीओ व अन्य अधिकारियों ने आपस में षड्यंत्र करके कूट रचित दस्तावेज तैयार कर अपात्र व्यक्ति अरविंद पुत्र फेरु को आवास आवंटित कर उसके खाते में 1.20 लाख अंतरित करके धनराशि निकाल लिया। मेरे आवास को पूर्ण दिखा दिया जबकि निर्माण पूर्ण नहीं हुआ था न कोई धनराशि हमे प्राप्त हुई।
उपजिलाधिकारी शाहगंज ने जांच किया। अरविंद पुत्र फिरन्ती तथा ज्योति पुत्री जयराम के स्थान पर अरविंद पुत्र फेरु तथा ज्योति पत्नी जुगेश अपात्र को आवास आवंटित कर दिए गए। वेबसाइट पर अरविंद व ज्योति के आवास को पूर्ण दिखा दिया। जबकि न तो आवास बना न उनके खाते में धनराशि गई। आवंटन सूची में छेड़छाड़ करने का उल्लेख जांच रिपोर्ट में है। आरोपियों ने आपस में साजिश व जालसाजी कर सरकारी धन का गबन कर लिया। थाना व एसपी को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेते हुए मजिस्ट्रेट ने प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध कारित होना पाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।
मामले के अनुसार अरविंद पुत्र फिरन्ती निवासी जर्रो ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि वर्ष 2016-17 में उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया था। सूची में चयन हुआ लेकिन ग्राम प्रधान, पूर्व एडीओ व अन्य अधिकारियों ने आपस में षड्यंत्र करके कूट रचित दस्तावेज तैयार कर अपात्र व्यक्ति अरविंद पुत्र फेरु को आवास आवंटित कर उसके खाते में 1.20 लाख अंतरित करके धनराशि निकाल लिया। मेरे आवास को पूर्ण दिखा दिया जबकि निर्माण पूर्ण नहीं हुआ था न कोई धनराशि हमे प्राप्त हुई।
उपजिलाधिकारी शाहगंज ने जांच किया। अरविंद पुत्र फिरन्ती तथा ज्योति पुत्री जयराम के स्थान पर अरविंद पुत्र फेरु तथा ज्योति पत्नी जुगेश अपात्र को आवास आवंटित कर दिए गए। वेबसाइट पर अरविंद व ज्योति के आवास को पूर्ण दिखा दिया। जबकि न तो आवास बना न उनके खाते में धनराशि गई। आवंटन सूची में छेड़छाड़ करने का उल्लेख जांच रिपोर्ट में है। आरोपियों ने आपस में साजिश व जालसाजी कर सरकारी धन का गबन कर लिया। थाना व एसपी को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेते हुए मजिस्ट्रेट ने प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध कारित होना पाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।