जौनपुर। जीत हार को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। हर जगह हार-जीत की बात हो रही है। चाहे वह चौराहे पर चाय की दुकान हो और चाहे कहीं पर लोग बैठे हों। कोई किसी की जीत बता रहा है तो कोई किसी का। लोगों में हार जीत के सट्टे भी लग रहे हैं।
उधर खुफिया एजेंसियां भी सीटों की गणित को लेकर जुटी है। हार जीत के गुणा भाग का जो आकलन खुफिया एजेंसियों और लोगों के रूझान बता रहे हैं कि भाजपा जिले की दोनों सीटें गंवा सकती है। वैसे राजनीति के धुरंधर को इसे मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि मछलीशहर में कांटे की टक्कर है।

चहारसू, कचहरी, रिवर व्यू होटल, सिपाह, शाही किला आदि स्थानों पर सुबह-सुबह लोग टहलने निकले तो चाय का स्वाद चखा और फिर हार जीत की चर्चा शुरू हो गई। किसी ने सीधी लड़ाई बताया तो किसी ने त्रिकोणात्मक संघर्ष के आसार बताए। सिविल लाइन स्थित स्टेट बैंक तिराहे पर ‌अशोक श्रीवास्तव, रामसूरत मौर्या, संजय मौर्य, विकल्प शुक्ल, ललित श्रीवास्तव, धर्मराज सिंह, शशिकांत शुक्ला, रामहित निषाद, अनिरूद्घ मौर्य, यादवेंद्र तिवारी बैठकर चुनाव पर ही चर्चा कर रहे थे। सबके दावे अलग अलग थे। लेकिन अधिकतर लोगों का मानना था कि गठबंधन ने जौनपुर में बढ़त बना लिया है।
इसमें कुछ लोग भाजपा की बढ़त मान रहे थे तो कोई बता रहा था कि कांग्रेस भी अच्छा वोट पाएगी। जो भी हो खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने राजनीतिक दलों, ‌मीडिया कर्मियों, रिटायर्ड अ‌धिकारियों, जातीय संगठनों से बातचीत कर और मतदान के दिन वोटरों का रूझान जो ‌देखा है उससे ऐसा लगता है कि भाजपा से जिले की दोनों सीटें बसपा छीन सकती है। लेकिन चुनाव में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा सकता।
ऊंट कब किस करवट बैठ जाए यह तो परिणाम ही बताएगा। लेकिन दोनों जगह भाजपा और बसपा-सपा गठबंधन के बीच सीधी टक्कर के आसार हैं।




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