• शारीरिक एवं मानसिक विकास का बाधक है अस्थमाः डा. तेज

  जौनपुर। जनपद के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. तेज सिंह को चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में राष्ट्रीय प्रशिक्षक के रूप में मान्यता दी गयी जिसकी जानकारी होने पर जनपद के चिकित्सकों सहित उनके शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ गयी। बता दें कि उक्त कार्यशाला में देश के कोने-कोने के तमाम अस्थमा रोग विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया जहां डा. सिंह उक्त रोग हेतु राष्ट्रीय प्रशिक्षक के रूप में मान्यता मिली।

कार्यशाला के मंचासीन अतिथियों द्वारा उन्हें राष्ट्रीय प्रशिक्षक की मान्यता प्रदान करते हुये प्रमाण पत्र भी दिया गया। कार्यशाला से लौटे डा. सिंह ने एक भेंट में बताया कि इस समय हमारे देश में अस्थमा रोग काफी तेजी से फैल रहा है। देश में लगभग 5 से 7 करोड़ लोग इससे ग्रसित हैं।
उन्होंने बताया कि इसकी शुरूआत बचपन से ही होती है जिसके मुख्य लक्षण बार-बार सांस फूलना, खांसी आना आदि हैं। यह रोग बच्चों के शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास पर भी असर डालता है। यदि सही समय पर सही दवा व उपचार नहीं हुआ तो यह रोग नियंत्रण से बाहर हो जाता है।
डा. सिंह ने बताया कि इस रोग की उपयुक्त दवा इन्हेलर है जो सीधे फेफड़े में जाकर श्वांस की नलियों की सूजन को कम करता है। इन्हेलर के उपयोग से किसी प्रकार का नशा या साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।




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