जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में शैक्षिणक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के चौथे दिन वक्ताओं ने पारदर्शी खरीद और निविदा व उच्च शिक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय करण की महत्वता जैसे अनेक विषयों पर सूक्ष्म जानकारी दी। यह सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत सरकार के पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक मिशन एवं शिक्षण द्वारा आयोजित है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले सत्र में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय भागलपुर की निर्देशिका डॉ. सारा नसरीन ने कहा कि खरीद प्रणालियों की प्रभावशीलता दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाना सरकार और अंतरराष्ट्रीय विकास समुदाय की चिंता है। सभी देशों ने माना है कि आधिकारिक विकास सहायता के माध्यम से उपलब्ध कराए गए धन सहित सार्वजनिक धन के उपयोग की प्रभावशीलता में वृद्धि के लिए पर्याप्त राष्ट्रीय खरीद प्रणाली की आवश्यकता होती है जो कि अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है। इसके अलावा शिक्षा पाठ्य-पठन को प्रभावशाली बनाने के लिए डॉ. सारा नसरीन ने मैनेजमेंट गेम्स और ग्रुप एक्सरसाइज़ कराए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे सत्र में जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली के प्रो. आफताब आलम ने उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीय करण की आवश्यकता पर जोर दिया। वैश्वीकरण के युग में अच्छी अकादमिक प्रथाओं को राष्ट्रीय सीमाओं के पार जाना चाहिए अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग और क्यूएस सहित ग्रेडिंग रैंकिंग, टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग और ईपीएएस-ईएफएमडी, शैक्षिक अभ्यासों के मानकीकरण में मदद करता है। अंतरराष्ट्रीय करण में संस्कृति के अंतर को सुविधाजनक बनाता है, आर्थिक अंतराल को कम करता है और एक मानव संवेदनशील समाज का विकास करता है।
प्रो. आलम ने उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए बाहरी हितधारकों के संचार के महत्व पर जोर दिया। उच्च शिक्षा संस्थानों को सरकार, प्रेस, नियामक संस्थाओं, वित्तीय संस्थानों आदि के साथ जुड़कर समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालना चाहिए। व्यवसाय प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक डॉ. मुराद अली ने कार्यक्रम का संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापन अमित सिंह वत्स ने किया।




DOWNLOAD APP