जौनपुर: पूर्वांचल विश्वविद्यालय में लगा देश का नवीनतम जीटा एपीएस, देश के अन्य विश्वविद्यालय में नहीं है ऐसा उपकरण | #AAPKIUMMID
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में शोध कार्य के लिए जीटा एपीएस एवं टीपीएस 500 की स्थापना की गई। यह नवीनतम उपकरण देश में पहली बार किसी विश्वविद्यालय में लगाया गया है। इसके लगने से शोध कार्यों को नई दिशा मिलेगी। गुरुवार को कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजाराम यादव ने इसका निरीक्षण कर वैज्ञानिकों से इस पर चर्चा की। इसको स्थापित कराने के लिए दिल्ली और मुंबई के वैज्ञानिक विश्वविद्यालय परिसर में आए हुए है। यह जीटा उपकरण मेडिकल साइंस, टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज की जरूरतों के साथ वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों के लिए उपयोगी है।
यह उपकरण विलियन में 05 नैनोमीटर से लेकर 100 माइक्रॉन तक के पदार्थ का आकार माप सकता है। साथ ही यह कणों के आकार का भी आकलन करेगा। संस्थान में टीपीएस 500 एस उपकरण की भी स्थापना की गई है। इस उपकरण से बहुत कम प्रवाह वाले विलयन को भी नापा जा सकता है। साथ ही यह किसी भी पदार्थ की कंडक्टिविटी -40 (माइनस चालीस) से 200 सेंटीग्रेट के तापमान पर भी माप कर सकता है।
इस संस्थान में स्थापित विश्वस्तरीय उपकरणों की सुविधा का लाभ देश के शोध छात्र, वैज्ञानिक एवं उद्योग जगत के लोग ले सकेंगे। इन उपकरणों के संचालन की जिम्मेदारी संस्थान के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार यादव को दी गयी है। उपकरणों की तकनीकी की जानकारी के लिए संस्थान के शिक्षक डॉ. पुनीत धवन एवं डॉ. गिरिधर मिश्र ने अमेरिका के वैज्ञानिकों से ऑनलाइन ट्रेनिंग ली।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एमके सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. केपी सिंह, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, डॉ. मनोज मिश्र, प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. राजकुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. केएस तोमर, डॉ. रजनीश भास्कर, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. मनोज पांडेय, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. अभिषेक, डॉ. अमित वत्स, डॉ. पीके कौशिक, डॉ. संजय श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
यह उपकरण विलियन में 05 नैनोमीटर से लेकर 100 माइक्रॉन तक के पदार्थ का आकार माप सकता है। साथ ही यह कणों के आकार का भी आकलन करेगा। संस्थान में टीपीएस 500 एस उपकरण की भी स्थापना की गई है। इस उपकरण से बहुत कम प्रवाह वाले विलयन को भी नापा जा सकता है। साथ ही यह किसी भी पदार्थ की कंडक्टिविटी -40 (माइनस चालीस) से 200 सेंटीग्रेट के तापमान पर भी माप कर सकता है।
इस संस्थान में स्थापित विश्वस्तरीय उपकरणों की सुविधा का लाभ देश के शोध छात्र, वैज्ञानिक एवं उद्योग जगत के लोग ले सकेंगे। इन उपकरणों के संचालन की जिम्मेदारी संस्थान के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार यादव को दी गयी है। उपकरणों की तकनीकी की जानकारी के लिए संस्थान के शिक्षक डॉ. पुनीत धवन एवं डॉ. गिरिधर मिश्र ने अमेरिका के वैज्ञानिकों से ऑनलाइन ट्रेनिंग ली।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एमके सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. केपी सिंह, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, डॉ. मनोज मिश्र, प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. राजकुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. केएस तोमर, डॉ. रजनीश भास्कर, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. मनोज पांडेय, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. अभिषेक, डॉ. अमित वत्स, डॉ. पीके कौशिक, डॉ. संजय श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।