इस साल वासंतिक नवरात्र में बन रहा है अद्भुत संयोग है। कलश स्थापना के लिए सिर्फ 49 मिनट का समय मान्यता के अनुसार मिलेगा। शनिवार को दुर्गापूजा का लाख नहीं करोड़ गुना फल मिलता है। ग्रह स्थिति के अनुसार में स्वगृही गुरु, उच्च स्थान का राहु आदि योग से नवरात्र अत्यंत शुभ माना जा रहा है। अश्व पर आने से राज भंग और भैंसे पर गमन से रोग-शोक की आशंका बनी रहती है।

ज्योतिशाचार्या ऐस्ट्रो अनु दी ने बताया किशनिवार 6 अप्रैल को दिनभर वैधृति योग है। वैधृति योग में कलश स्थापन आदि का निषेध है। ऐसे में दिन में 11:35 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापन किया जाएगा। चैत्र शुक्ल नवमी को रामनवमी होती है। मध्याह्न में भगवान राम का जन्म होता है। इसलिए रामनवमी व्रत किया जाता है। इस वर्ष अष्टमी शनिवार 13 अप्रैल को दिन में 8 बजकर 16 मिनट तक ही है।
उसके बाद नवमी लग जाएगी। जो दोपहर में है और दूसरे दिन रविवार को नवमी सुबह 6 बजे तक ही है। जबकि सोमवार को एकादशी व्रत भी है। इस कारण से महाष्टमी और रामनवमी दोनों व्रत शनिवार को ही किया जाएगा और व्रत का पारण 14 अप्रैल को सुबह 6 बजे के बाद होगा।




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