• यज्ञोपैथी से भी रोगों का उपचार संभव हैः डा. ध्रुवराज योगी

जौनपुर। जिला कारागार में आयोजित नशा मुक्त कार्यशाला 10वें दिन सम्पन्न हो गया। योगाभ्यास कार्यक्रम के संयोजक डा. धु्रव राज योगी की अध्यक्षता में आयोजित समापन अवसर पर हवन-पूजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि यज्ञ शब्द यज धातु से बना है। यज्ञ शब्द का 3 अर्थ होता है- संगति, करणी, यज्ञ। विश्व ब्राह्मण की नाभि है। ब्रह्माण्ड की दिव्य शक्तियों का अभ्युदय यज्ञ से ही संभव है।
इस दौरान डा. धु्रवराज यागी ने बताया कि जिला कारागार में आयोजित नशा मुक्ति कार्यक्रम में कुल 151 कैदियों ने नशा छोड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि यज्ञोपैथी से भी रोगों का उपचार संभव है। इस दौरान अकिंचन फाउण्डेशन के अध्यक्ष डा. अमरनाथ पाण्डेय व अनूप वधवा ने नशा छोड़ने वाले जेल में निरूद्ध बंदियों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।
जौनपुर के जिला कारागार में आयोजित नशा मुक्ति कार्यशाला
में जेल प्रशासन सहित योग प्रशिक्षक व चिकित्सक बंधु।
साथ ही डा. पाण्डेय ने आह्वान किया कि जो बंदी नशा नहीं करेगा, उसे आजीवन उपचार निःशुल्क प्रदान किया जायेगा। इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूं प्रथम के प्रधानाध्यापक श्रीप्रकाश सिंह व जय प्रकाश सिंह ने प्रयोग संस्था के माध्यम से बाल बैरक के बच्चों को पठन-पाठन के लिये निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, कहानी व फल वितरित किया।
युवा भारत के संवाद प्रभारी विकास योगी ने यज्ञ में सहयोग प्रदान किया। साथ ही बीच-बीच में बंदियों को योगाभ्यास भी कराया। जेलर संजय सिंह ने बंदियों को अच्छा जीवन जीने के लिये कुछ बातें बतायीं। साथ ही कहा कि आने वाली पीढ़ी को आप अपने से बेहतर जिंदगी दें। इस अवसर पर जेल अधीक्षक अवधेश मिश्र, सुनील चन्द्र मिश्र सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में डा. ध्रुवराज ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।




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