जौनपुर। पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि न्यायालयों में ट्रायल पर चल रहे ऐसे मुकदमे जो नतीजे के करीब हैं, उनमें आपराधियों को सजा दिलाने के लिये मुहिम छेड़ते हुये कोर्ट मॉनीटरिंग सेल का पूर्व में गठन किया जा चुका है। अब उस सेल के प्रभावी क्रियान्वयन व फीडबैक से मुकदमों से सम्बन्धित गवाहान तथा माल मुकदमाती समय सीमा के अन्दर कोर्ट में प्रस्तुत होने लगे हैं।

अपराधी पर मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजना पुलिस की उपलब्धि नहीं है। पैरोकार सफल पैरवी के माध्यम से कम से कम समय में अपराधियों को सजा करायें, यह भी आवश्यक है। इससे अपराधियों में पुलिस के प्रति भय पैदा हो और पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सके। सफल पैरवी के चलते जो पैरोकार अपराधियों को सजा दिलाने में कामयाब होते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनपद में वर्ष 1998 से अब तक करीब 27 ऐसे प्रकरण हैं जो विभिन्न न्यायालयों में ट्रायल पर थे।
कोर्ट मॉनीटरिंग सेल के गठन के बाद मार्च में प्रभावी पैरवी कर सभी 27 प्रकरणों में अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी। जनपद में 2011 से कुल 749 गैंगेस्टर एक्ट 201 मुकदमों को चिन्हित करके उसकी सघन पैरवी की जा रही है तथा जघन्य मुकदमों में 107 अभियोगों को चिन्हित कर दिन-प्रतिदिन पैरवी की जा रही है जिसमें 15 से अधिक मुकदमों में अभियुक्त सजा के कगार पर हैं।
जनपद में कुख्यात 15 अपराधियों के 179 मुकदमों को चिन्हित कर पैरवी की जा रही है जिसमें करीब 52 मुकदमों में अभियुक्त सजा के कगार पर हैं। इसी क्रम में 37 फर्जी जमानतदार/आदतन जमानतदार को चिन्हित किया गया है।




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