• छः दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का हुआ समापन

  जौनपुर। रामकथा श्रवण मात्र से मानव के जीवन में संस्कार आ जाता है। रामकथा व्यथा को भी दूर करती है। अहंकार से व्यक्ति पतन की ओर जाता है। अहंकारी व्यक्ति को भगवान का दर्शन कभी भी नहीं हो सकता है। उक्त विचार नगर पालिका परिषद जौनपुर के मैदान पर आयोजित 6 दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा की अमृतवर्षा कार्यक्रम में मानस दिनकर दिनेश चन्द्र मिश्र ने व्यक्त किया।

मानस प्रचारिणी सभा जौनपुर इकाई द्वारा आयोजित 42वें श्रीरामचरितमानस सम्मेलन में वृन्दावन धाम मथुरा से पधारे जितेन्द्र कृष्ण ठाकुर ने कहा कि श्रीरामचरितमानस मर्यादा का ग्रंथ है। प्रभु श्रीराम के आदर्श को जीवन में धारण करने से जीवन सार्थक एवं सफल हो जाता है। बीते 23 मार्च से शुरू श्रीराम कथा की समाप्ति बीती रात हवन-पूजन एवं प्रसाद वितरण से हुआ।

इस अवसर पर ओम प्रकाश गुप्ता पूविवि, अनिल जायसवाल हरिओम, जगदीश गाढ़ा, राम आसरे साहू, रमेश चन्द्र जायसवाल, शशांक सिंह रानू, डा. आरएन त्रिपाठी, उमेश गुप्ता सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।




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