जौनपुर। शिया धर्मगुरू मौलाना महमुदुल हसन खां की पहली बरसी पर मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस की शुरूआत तेलावते कुराने मजीद से हुयी। मजलिस को दिल्ली के कश्मीरी गेट शिया जामा मस्जिद के इमाम ए जुमा मौलाना सैयद मोहम्मद अली मोहसिन तकवी एवं  लखनऊ के मशहूर खतीब मौलाना सैयद अब्बास इरशाद नकवी ने सम्बोधित किया।

मौलाना अब्बास इरशाद नकवी ने कहा कि उल्मा धर्म के रक्षक हैं। उनका सम्मान किया जाना चाहिए। उनकी खिदमात को नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता। मौलाना मोहसिन तकवी ने कहा कि स्व. मौलाना महमुदुल हसन खां ने इस्लाम धर्म की बहुत सेवा की। उन्होंने कई मदरसों को स्थापित किया एवं कई मदरसों का जीर्णोद्धार किया।
कितनी मस्जिदों एवं इमामबाड़ों की मरम्मत कराई दोनों ही जाकरीन ने मजलिस में करबला के शहीदों को याद किया। मसायब सुनकर उपस्थित जनों की आंखे नम हो गई। इस अवसर पर सोजखानी हुयी एवं शायरों ने कलाम भी प्रस्तुत किया। स्व. मौलाना महमुदुल हसन खां के सुपुत्र एवं इमानिया नासिरिया के प्रधानाचार्य व इमाम ए जुमा जौनपुर ने मजलिस में आये हुये सभी आगंतुकों का शुक्रिया अदा किया।
इस अवसर पर जामिया नासिरीया के प्रबंधक अहमद जहां खां एडवोकेट, मौलाना उरूज हैदर खां, मौलाना तनवीर हैदर खां, मौलाना सै. आबिद रजा मोहम्मदाबादी, मौलाना सै. मुब्बशीर हुसैन रिजवी, अध्यक्ष हुसैनी फोरम इंडिया सै. मोहम्मद हसन, शिया जामा मस्जिद के मुतवल्ली शेख अली मंज़र डेज़ी, मौलाना सै. वसी अहमद जैदी, असलम नकवी, मशकुरूल हसन खां, शाजान, हादी हसन खां, मिर्जा जफर हसनैन, ख्वाजा शमशीर हसन, सै. जैद सईद, जर्रार हुसैन, कमर हसनैन दीपू, तालिब रजा शकील एडवोकेट, तहसीन अब्बास सोनी, शुऐब जैदी, गुलाम हुसैन जैदी, ईजी. हैदर खां रन्नवी, राशीद खां आदि उपस्थित रहे।




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