जौनपुर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद द्वारा आयोजित परीक्षा अशुद्धियों की भेंट चढ़ गयी है जबकि यूपी बोर्ड देश की सबसे बड़ी परीक्षा कराने वाला बोर्ड माना जाता है। उक्त बातें शिक्षाविद्/साहित्यकार डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी ने महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश को भेजे गये पत्र के माध्यम से कही।

उन्होंने आगे बताया कि बीते 12 फरवरी को इण्टरमीडिएट वर्ष 2019 की सामान्य हिन्दी के प्रश्न पत्र के अन्तर्गत प्रथम प्रश्न पूरी तरह से गलत है। प्रश्न में जो विकल्प दिया गया है, उसमें से कोई भी विकल्प उपयुक्त नहीं है। प्रश्न पूछा गया है कि ‘कल्पलता’ निबन्ध संग्रह है- 1- हरिशंकर परसाई का, 2- कन्हैया लाल मिश्र ‘प्रभाकर’ का, 3- प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी का, 4- वासुदेव शरण अग्रवाल का। अब आप इन चारों विकल्पों को देखेंगे तो स्वयं पता चल जायेगा कि इस प्रश्न का एक भी विकल्प सही नहीं है।
डा. यदुवंशी ने कहा कि ‘कल्पलता’ निबन्ध संग्रह के लेखक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं जबकि विकल्पों में उनका नाम ही नहीं है। पत्र के माध्यम से डा. यदुवंशी ने महामहिम से मांग किया है कि सम्बन्धित दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाय और छात्र हित में निर्णय भी लिया जाय। यदि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो व्यवस्था में बैठे लोग ऐसी गलतियों की पुनरावृत्ति करते रहेंगे।




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