जौनपुर। रामाश्रम सत्संग मथुरा द्वारा नगर के पचहटियां में संचालित उपकेन्द्र पर दो दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन हुआ। आयोजन के प्रथम संत प्रवर प्रभु दयाल शर्मा ने कहा कि निराकार ब्रह्म दृश्यमान नहीं हैं। उसे देखना हो तो सद्गुरू के साकार रूप में देखें। गुरू की पूजा, अर्चना एवं सानिध्य से ही हमें पूर्णता प्राप्त हो सकती है। इसके पहले मंच पर विराजमान आचार्यों ने सभी को ध्यान, धारणा एवं समाधि का सूत्र बताया। तत्पश्चात् ओंकार नाथ मिश्र ने गुरू वंदना एवं भजन के माध्यम से आध्यात्म रस की वर्षा किया।
दूसरे दिन संत कृष्णकांत ने कहा कि हम सभी कुल परम्परानुसार पूजन-अर्चन करते रहते हैं किन्तु ध्यान के बिना प्रभु का सानिध्य प्राप्त नहीं हो सकता। वहीं दिनेश यादव ने गुरू वंदना किया तो गीता देवी ने भावपूर्ण भजन सुनाकर भक्ति रस की वर्षा किया। तत्पश्चात् ध्यान योग की साधना सम्पन्न हुई।
इस अवसर पर डा. राम अवध यादव, डा. शकुंतला यादव, डा. ब्रह्म दत्त पाण्डेय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।




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