जौनपुर: भागवत कथा मृत्यु को तो राम कथा जीवन संवारती है: स्वामी अंकित आनंद महाराज | #AAPKIUMMID
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मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर। भागवत कथा मृत्यु को संवारती है, जबकि राम कथा जीवन को संवारती है। सत्संग सुनने से कुछ नहीं होता है सत्संग जीवन में उतारने से भला होता है। भगवान सच्चिदानंद स्वरूप हैं तो श्रीमद् भागवत महापुराण भगवान का साक्षात स्वरूप एवं समस्त पुराणों का सिरमौर है। भगवान की साक्षात बांग मई मूर्ति श्रीमद्भागवत है। यह उद्गार वृंदावन से पधारे स्वामी अंकित आनंद महाराज ने सिद्ध पीठ श्री महाकाली जी मंदिर प्रांगण में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि देव लोक का अमृत पीकर व्यक्ति दीर्घ जीवी हो सकता है किंतु भागवत कथा अमृत का पान करके व्यक्ति दिव्य जीवी हो सकता है। भक्ति माता के दो पुत्र ज्ञान वैराग्य वृद्ध हो गए हैं। नारद जी की भेट भक्ति माता से वृंदावन में होती है। भक्ति माता का दुख दूर करने के लिए नारद जी का प्रयास और भक्ति के कष्ट के निवृत्ति का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि गंगापुर (हरिद्वार) में ज्ञान वैराग्य दोनों युवा हो गए। सबसे भाग्यशाली वह है जिसके हृदय में भगवान की भक्ति है।
कथा के पश्चात भगवान की आरती व प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर विमला जायसवाल, अनिल कुमार, सुनील कुमार, प्रदीप कुमार, मनोज जायसवाल, अरुण कुमार, उमेश कुमार, गोविंद जायसवाल, कृष्ण गोपाल जायसवाल आदि उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि देव लोक का अमृत पीकर व्यक्ति दीर्घ जीवी हो सकता है किंतु भागवत कथा अमृत का पान करके व्यक्ति दिव्य जीवी हो सकता है। भक्ति माता के दो पुत्र ज्ञान वैराग्य वृद्ध हो गए हैं। नारद जी की भेट भक्ति माता से वृंदावन में होती है। भक्ति माता का दुख दूर करने के लिए नारद जी का प्रयास और भक्ति के कष्ट के निवृत्ति का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि गंगापुर (हरिद्वार) में ज्ञान वैराग्य दोनों युवा हो गए। सबसे भाग्यशाली वह है जिसके हृदय में भगवान की भक्ति है।
कथा के पश्चात भगवान की आरती व प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर विमला जायसवाल, अनिल कुमार, सुनील कुमार, प्रदीप कुमार, मनोज जायसवाल, अरुण कुमार, उमेश कुमार, गोविंद जायसवाल, कृष्ण गोपाल जायसवाल आदि उपस्थित रहे।