जौनपुर। केराकत थाना क्षेत्र निवासी विवाहिता से दुष्कर्म व अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में मुकदमा दर्ज करने के दिनांक को ही बिना पीड़ित महिला का बयान लिए, बिना मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए मुकदमा स्पंज करने के आरोपी विवेचक शिवराज सिंह यादव के खिलाफ सीजेएम ने थानाध्यक्ष केराकत को प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया। साथ ही 24 घंटे के भीतर अनुपालन आख्या कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा।

वादिनी ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था कि उसने पति व ससुराल वालों के खिलाफ कोर्ट में धारा 156 (3) की दरखास्त दिया था। कोर्ट के आदेश पर आरोपियों पर दुष्कर्म, अप्राकृतिक दुष्कर्म व अन्य धाराओं में 18 मार्च 2018 को मुकदमा थाने पर दर्ज हुआ लेकिन विवेचक शिवराज सिंह यादव ने बिना वादिनी का बयान लिए एवं बिना मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराएं उसी दिन मुकदमे को स्पंज कर दिया।
न तो वादिनी और न गवाहों का बयान लिया गया और पुलिस ने आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए हुए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा। यहां तक कि मामले को मीडिएशन सेंटर में भी नहीं भेजा गया। विवेचक ने घोर लापरवाही युक्त विवेचना एवं कानून के प्रावधानों की अवहेलना की। कोर्ट ने मामले की सीओ से जांच भी कराया। इसके बाद प्रथम दृष्टया गम्भीर मामला पाते हुए विवेचक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।




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