जौनपुर। सिकरारा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय नेवढिय़ा में बंद छुट्टा पशुओं की हालत बिगडऩे पर 12वें दिन रविवार को ग्रामीणों ने मुक्त कर दिया।
छुट्टा पशुओं से परेशान गांव के लोगों ने करीब 50 पशुओं को आठ जनवरी को प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया था। सूचना पर खंड शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचकर पशुओं को विद्यालय से मुक्त कराने का प्रयास किया था लेकिन गांव के लोग किसी उच्च अधिकारी के मौके पर आने की मांग कर रहे थे। लेकिन जिला मुख्यालय से कोई भी अधिकारी नेवढिय़ा गांव में नहीं पहुंचा। थक हारकर ग्रामीणों ने खुद से मवेशियों को रविवार को मुक्त कर दिया।

गांव के प्राथमिक विद्यालय में आठ जनवरी से बंद छुट्टा पशुओं के चलते स्कूल से बाहर बच्चों की पाठशाला चलती थी। स्कूल से बाहर पाठशाला चलने की सूचना के बाद भी किसी अधिकारी ने इसकी सुधि नहीं ली। स्कूल में बंद मवेशियों को चारे के नाम पर ग्रामीण पुआल डाल देते थे। मवेशियों को पानी भी समय पर नहीं मिल पाता था। बीमार होने की दशा में 13 जनवरी को कुछ पशुओं को ग्रामीणों ने स्कूल से मुक्त कर दिया था।
रविवार को कुछ और पशु बीमार पड़ गए। इसकी सूचना पर ग्राम प्रधान राजेंद्र यादव ने गांव के लोगों से बात की और कहा कि अधिकारी कोई सुधि लेने वाले नहीं हैं। पशुओं को स्कूल में बंद होने और पाठशाला स्कूल से बाहर चलने की खबर अखबारों में छपने के बाद भी जब कोई अधिकारी नहीं आया तो अब हमें इस बात की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए कि कोई अफसर यहां आएगा और उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। इन बेजुबानों को अब स्कूल से मुक्त कर देना चाहिए। ग्राम प्रधान की बात गांव के लोगों के समझ में आ गई और लोग पशुओं को मुक्त करने के लिए राजी हो गए। रविवार को दोपहर विद्यालय की बाउंड्री का ताला खोलकर सभी पशुओं को मुक्त कर दिया गया।




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