• न तो सरकारी बजट और न मिला जनसहयोग, खुले आसमान के नीचे रहते हैं मवेशी

मछलीशहर, जौनपुर। नगर से सटे सराययुसुफ़ गांव की गौशाला में रखे गए 35 छुट्टा पशुओं को न तो छत मयस्सर हुई है और न तो दो दिन से चारा ही मिल पा रहा है। जिम्मेदार चारा के लिए कोई बजट नहीं होने की बात करते हुए अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं।

शासन के निर्देश पर सवा करोड़ की लागत से जहां निजामुद्दीनपुर गांव में गौशाला का निर्माण किया जा रहा है। वहीं जीर्णशीर्ण पड़ी सराययुसुफ़ की गौशाला का जीर्णोद्धार करके नगर व आसपास के घूम रहे छुट्टा पशुओं को गौशाला में रखा गया है। उपजिलाधिकारी जेएन सचान ने गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक करके शुरुआत में चारे की व्यवस्था करवाई थी।
मवेशियों की देखरेख करने वाले पारसनाथ यादव और बृजश्याम का कहना है कि 35 छुट्टा पशु गौशाला में रखे गए हैं। जिनके लिए जनसहयोग से मिला पुआल दो तीन दिन में ही खत्म हो गया। इधर दो दिन से जानवर भूखे ही पड़े हैं। सभासद, खण्ड विकास अधिकारी और अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत को जनसहयोग से चारा की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी द्वारा बैठक में सौंपी गई थी। मगर किसी के भी द्वारा चारा का इंतजाम नही किया गया है। ऐसी स्थिति में वे जानवर दो दिन से भूखे ही पड़े हैं।
सेवकों का कहना है कि यदि जिम्मेदार लोगों द्वारा चारे की व्यवस्था नहीं की गई तो मवेशियों को गौशाला से बाहर निकाल दिया जायेगा।





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