• छीटाकशी के विरोध में 13 वर्ष पूर्व हाकी व राड से मारकर हुई थी हत्या

जौनपुर। कोतवाली थाना क्षेत्र के अबीरगढ़ टोला में वादी के भाई मो. असद की गैर इरादतन हत्या के मामले में दस आरोपियों को दोषी करार देते हुए सोमवार को अपर सत्र न्यायधीश द्वितीय ने खुले न्यायालय 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 14 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनायी।
अभियोजन कथानक के अनुसार अंजार अहमद निवासी अबीरगढ़ टोला ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि मोहल्ले के लड़के पड़ोसी मोहल्ले के लड़कों के साथ लड़कियों पर छींटाकशी करते थे जिसका वादी के भाई मोहम्मद असद ने विरोध किया जिस पर आरोपियों से गाली गलौज हुई थी। 4 सितंबर 2005 की 8:30 बजे रात वादी के भाई मो. असद व अहद दवा लेने गए थे।
कजियाना मोड़ अबीरगढ़ टोला पर अभियुक्त एताशुद्दीन, मोनीस, अरसू, जियाउद्दीन आदि वादी के भाइयों को घेर लिए और हाकी, डंडा व राड से जान से मारने की नियत से मारने लगे। शोर पर वादी व तमाम लोग दौड़कर पहुंचे। बीच बचाव किये। आरोपी धमकी देते हुए भाग गए। वादी के दोनों भाइयों को जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां दौरान इलाज मो. असद की मृत्यु हो गई। पुलिस ने मामले की विवेचना पूरी कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया।
अभियोजन पक्ष से एडीजी सी सन्तोष कुमार उपाध्याय ने गवाहों को परिक्षित कराया। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस एवं तर्को को सुनने के पश्चात आरोपीगण एताशुउद्दीन, मोनीस, अरसू, जियाउद्दीन, दानिश, रिजवानुल, सैफुद्दीन, जलालुद्दीन, खानू व दिलदार को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए सजा सुनाई तथा आरोपी सरफराज, इमरान, शमशीर, फैमीद, अदीब, नफीस व बबलू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।





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