जौनपुर: परमात्मा को पाने का सबसे सच्चा मार्ग भक्ति: पं. अखिलेश चंद्र | #AAPKIUMMID
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जौनपुर। पूर्वांचल की आस्था का केंद्र शीतला चौकियां धाम में चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन बुधवार को डा. पं. अखिलेश चंद्र पाठक ने कहा कि भगवान विष्णु माता लक्ष्मी से कहते हैं कि हो सकता है मैं छीर सागर में न मिलू। किसी मन्दिर में न मिलू तो समझ लेना कि कोई भक्त ने मुझे अपने वश में कर लिया है।
क्योंकि जो प्राणी मुझे प्रेम से पुकारता है, मेरा स्मरण करता है, मेरा कीर्तन करता है, भजन करता है, उस प्राणी के ह्रदय में मेरा निवास स्थान हो जाता है। मैं ऐसे भक्तों के वश में भक्ति मार्ग से बंध जाता हूं। मुझे प्राणी को पाने का सबसे सच्चा मार्ग निष्काम श्रद्धा भक्ति जप तप कीर्तन है। यह सारी सृष्टि हमारी ही बनाई हुई है। सभी जीव जंतु पेड़ पौधे पर्वत में मैं ही हूं। किसी भी पीड़ित व्यक्ति का उपचार कराना, भूखे को भोजन कराना, दीन दुखियों की सेवा करना, असहाय की सहायता करना, ग़रीब बहन बेटियों की शादी विवाह में सहायता कराना, साधु सन्तों की सेवा करने वाला व्यक्ति हमारा प्रिय भक्त है। ऐसे कर्म करने वाले लोगों से मैं सदा प्रसन्न रहता हूं।
इस मौके पर रामआसरे साहू, मदन साहू, हनुमान त्रिपाठी, शिवआसरे गिरी, रतन गिरी, राजकुमार माली, विपिन माली, अमरनाथ वर्मा आदि उपस्थित रहे।
क्योंकि जो प्राणी मुझे प्रेम से पुकारता है, मेरा स्मरण करता है, मेरा कीर्तन करता है, भजन करता है, उस प्राणी के ह्रदय में मेरा निवास स्थान हो जाता है। मैं ऐसे भक्तों के वश में भक्ति मार्ग से बंध जाता हूं। मुझे प्राणी को पाने का सबसे सच्चा मार्ग निष्काम श्रद्धा भक्ति जप तप कीर्तन है। यह सारी सृष्टि हमारी ही बनाई हुई है। सभी जीव जंतु पेड़ पौधे पर्वत में मैं ही हूं। किसी भी पीड़ित व्यक्ति का उपचार कराना, भूखे को भोजन कराना, दीन दुखियों की सेवा करना, असहाय की सहायता करना, ग़रीब बहन बेटियों की शादी विवाह में सहायता कराना, साधु सन्तों की सेवा करने वाला व्यक्ति हमारा प्रिय भक्त है। ऐसे कर्म करने वाले लोगों से मैं सदा प्रसन्न रहता हूं।
इस मौके पर रामआसरे साहू, मदन साहू, हनुमान त्रिपाठी, शिवआसरे गिरी, रतन गिरी, राजकुमार माली, विपिन माली, अमरनाथ वर्मा आदि उपस्थित रहे।