जौनपुर। मड़ियाहू तहसील क्षेत्र पाली सेनापुर निवासी और इण्डियन मानवाधिकार एसोसिएशन गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष प्रेमचंद यादव ने कहा है कि भारत देश की संस्कृति और सभ्यता मंदिर से ही शुरू होती है। देश की सीमाओं का प्राचीन वैदिक काल में इराक, ईरान, अफगानिस्तान, बर्मा, कम्बोडिया, लंका, पाकिस्तान सहित अनेकों देशों में विस्तार था। साथ ही हमारी संस्कृति का भी विस्तार था। राजा, महाराजा धार्मिक थे, वे मंदिर, शिवालय, सरोवर, झीलों, नदियों को सुंदर बनाकर मानव जाति को धर्म की दिशा में ले जाते थे।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राम मंदिर हमारे देश की धार्मिक आस्था का प्रतीक है। जो वैदिक काल से चला आ रहा है। कुछ लुटेरे आक्रमणकारियों ने बीच में सत्ता के जोर पर इन मंदिरों के कुछ हिस्सों को तोड़कर फिर से थोड़ा बनाकर अपना नाम दे दिया।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर एवं ताजमहल पहले से एक शिवालय था। अत: राम मंदिर बनना अनिवार्य है। आरएसएस, बजरंग दल, हिन्दू सेना सहित तमाम हिंदू संगठन भारतीय संस्कृति की नींव हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय संस्कृति, सम्मानता को पूरे विश्व में फैला रहे हैं। जिसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा कि इस समय प्रधानमंत्री हमारे देश के राजा हैं और यदि राजा का आदेश होगा तो राम मंदिर बनकर रहेगा। राम मंदिर निर्माण का समय आ गया है। जिस प्रकार गुजरात के केवड़िया में सरकार बल्लभ भाई पटेल का स्टेच्यू आफ यूनिटी पूरे विश्व में सबसे उंचा एवं भव्य है। उसकी प्रकार राम मंदिर अयोध्या श्री रामचंद्र की नगरी में विश्व का नम्बर एक मंदिर बनना चाहिए। राम मंदिर विश्व में एक आठवां अजूबे स्तर का बनना चाहिए।




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