जौनपुर। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बनी फिल्म "द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर" मनमोहन सिंह की बायोपिक नहीं बल्कि संजय बारू की बायोपिक है। संजय बारू पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइज थे और उन्हें हटा दिया गया जिससे नाराज होकर उन्होंने एक किताब लिखी जो कि एक नाराज आदमी द्वारा रचित मनगढंत कहानी है।
संजय बारू की इस मनगढंत किताब को अप्रैल 2014 में प्रायोजित ढंग से ठीक लोकसभा चुनाव के समय चुनाव में लाभ लेने के लिए भाजपा के सहयोग से प्रकाशित कराया गया। अब उस पर फिल्म आ रही है वो भी ठीक 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले, संजय बारू बीजेपी की तरफ से फील्डिंग सेट किए हुए हैं।

यह फिल्म बीजेपी का प्रोपेगैंडा है। इस फिल्म के जरिए गाँधी परिवार की इमेज पर हमला किया गया है। फिल्म में सोनिया गाँधी और राहुल गांधी का निगेटिव रोल दिखाया गया है। बीजेपी फिल्म का प्रोमो कर रही है साथ ही झुठ बोलकर कांग्रेस को बदनाम कर रही है। इस तरह की फिल्मे कौन बनवा रहा है कौन फाइनेंस कर रहा है। यदि इसकी सत्यता पूर्वक जांच हो जाय तो दुध का दुध और पानी का पानी हो जायेगा।
फिल्म में सीधे सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह का नाम लिया गया है। यह स्पष्ट है कि बीजेपी ने यह फिल्म 2019 के चुनाव का लाभ लेने के लिए बनवाया है। इसीलिए इस फिल्म को सुपरहिट करने में बीजेपी जोर लगा रही है। मैं व्यक्तिगत रूप से इस फिल्म पर पाबंदी लगाने की सरकार से मांग करता हूँ यदि ऐसा नहीं हुआ तो इस फिल्म पर प्रतिबन्ध लगवाने के लिए कोर्ट तक जाऊंगा।




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