जौनपुर। होनी को कौन टाल सकता है। जिन लोगों के साथ रोज मखन्चू घूमता टहलता था उन्हीं लोगों के सिर पर इस कदर पाप सवार हुआ कि दोनों ने मिलकर मखन्चू की जान ले लिया। वह कुछ देर बाद वहां पहुंचता तो न तो मुर्गा चोरी करते देखता न तो उसकी जान जाती।
सिंगरामऊ के सिंघावल गांव में तीन दिन पहले मखंन्चू के पड़ोसी छोटेलाल अपने परिवार के साथ कहीं गया था जिसका देशी मुर्गा को देखकर गांव के ही कुछ लोग ललच पड़े और उसे पकड़ने लगे जिसे देखकर पड़ोसी मखंन्चू हरिजन ने मना किया तो उन लोगों ने मुर्गा छोड़ दिया और कुछ ही देर में मखंन्चू को किसी तरह अपने साथ ले गए जहां दूसरा मुर्गा दारू बनाकर खिलाएं पिलाये। फिर लोगों ने मखंन्चू से गाली गलौज करते हुए उसे मारपीट कर घायल कर दिया और फोन कर एक्सीडेंट होने की बात कह कर एम्बूलेंस बुलाकर उसे पीएचसी बदलापुर ले गए जहां डाक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में मखंन्चू की मौत हो गई।

परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट और धारा 304 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद मखंन्चू का शव आते ही मामले को राजनीतिक रंग में रंगे जाने का प्रयास होने लगा, छुटभैया नेताओं कि मानों किस्मत खुल गई!
पोस्टमार्टम के बाद सिंगरामऊ थाने पर आया शव परिजनों ने पुलिस पर लीपापोती करने का आरोप लगाते हुए शव को घर ले जाने से इंकार करते हुए थाने पर प्रदर्शन किया। केस में एक का नाम बढ़ाए जाने की मांग किया। सैकड़ों ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर घर पर शव को रखकर उच्च अधिकारियों को मौके पर आने की मांग पर अड़े रहे और शोर शराबा मचाने लगे।
बदलापुर तहसीलदार के द्वारा आवास के लिए आश्वासन दिया गया और पुलिस अधिकारियों द्वारा मुकदमें में नाम बढ़ाने के आश्वासन पर मंगलवार देर शाम मृतक के घर के बगल में शव को गड्ढे में दफन किया गया। मृतक के भतीजे पप्पू की मानें तो मखंन्चू को यदि समय से एम्बूलेंस बुलाकर अस्पताल भेज दिया जाता तो उसकी जान बच जाती। सीओ बदलापुर का कहना है कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।