लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि गढ़मुक्तेश्वर के महाभारतकालीन पौराणिक गंगा  मेले में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने शिरकत की। यह तमगा हासिल हुआ है प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी को। विपक्षी सरकारों में उपेक्षा का दंश झेल रहे पश्चिमी यूपी में मिनी कुंभ के नाम से प्रचलित खादर मेले में 22 नवंबर को पहुंचकर मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की इस अनमोल सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान देने की दिशा में प्रयास शुरू किया है।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि देव दीपावली मनाने वाराणसी पहुंचने वाले श्री योगी आदित्यनाथ पहले मुख्यमंत्री हैं। पिछले डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के उन सभी सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों पर पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं को बेहतर करने का खाका खींच चुके हैं। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासतों को दुनिया में प्रसिद्ध दिलाने का भाजपा सरकार का प्रयास सराहनीय है और इसके लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी बधाई के पात्र हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने बताया कि भाजपा सरकार के इस प्रयास से देश-विदेश में यूपी पर्यटन के एक बड़े केंद्र के रूप में उभरा है। महाभारत काल से अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले गढ़मुक्तेश्वर को वल्र्ड क्लास आध्यात्मिक सिटी के रूप में विकसित करने के प्रयास भी शुरू हुए हैं। लखनऊ में हुई इन्वेस्टर्स समिट में मलेशिया की एक कंपनी ने गढ़मुक्तेश्वर और उसके आसपास गंगा किनारे के इलाके का कायाकल्प करने के लिए पांच हजार करोड़ का एमओयू किया है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की ख्याति देश-विदेश में फैलाने के लिए केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार कितना गंभीर है उसका अंदाजा इस मद में खर्च किए जाने वाले धन से ही लगाया जा सकता है।
डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछली सरकारों में महज सत्तर करोड़ रुपए का बजट होता था लेकिन अब केंद्र और प्रदेश सरकार के समेकित प्रयास से यह दस गुना यानि सात सौ करोड़ से अधिक पहुंच चुका है। ऐतिहासिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध बुंदेलखंड की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयास सपा-बसपा किसी भी सरकार ने नहीं किया लेकिन भाजपा सरकार ने पहली बार आल्हा-ऊदल की धरती की सांस्कृतिक धरोहरों को पहचान दिलाने की एक बड़ी कार्ययोजना को लेकर सामने आयी है। सांस्कृतिक विकास से ही समग्र विकास की राह निकलती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार इसी दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।