रायपुर। संसद में सूचना का अधिकार अधिनियम जब पारित किया गया था तब इसका उद्देश्य पीडि़त पक्ष को उससे संबंधित जानकारी शासकीय कार्यालयों से एक माह के भीतर उपलब्ध करवाया जाना था।
सूचना प्राप्त नहीं होने पर विभाग प्रमुख सूचना आयोग एवं केंद्रीय सूचना आयोग में भी अपील करने का प्रावधान किया गया था किंतु हाल ही में कुछ विभाग प्रमुखों से मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों सूचना का अधिकार अधिनियम का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है। असंबंद्ध तथाकथित आरटीआई कार्यकर्ताधारी लोग विभिन्न विभागों को सूचना निकालने के नाम पर ब्लेकमेलिंग कर रहे हैं।

इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. चंद्रमणी तिवारी ने कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए इसे उक्त सेवा का मनमाना उपयोग बताते हुए ऐसे लोगों के संबंध में भी नए नियम बनाने की मांग केंद्र सरकार से की है। राजस्व विभाग मुख्य सचिव विभाग, पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग सहित अनेक विभागों में इन दिनों हजारों आवेदन ऐसे असंबंद्ध लोगों के लंबित है जिनका उक्त सूचनाओं से सीधा सीधा संबंध नहीं है।
सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की आड़ में ब्लेकमेलिंग का काम बड़े पैमाने पर चलने पर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. स्वाति तिवारी ने भी इसे अधिनियम का गलत उपयोग करार देते हुए सूचना आयुक्त छत्तीसगढ़ सूचना आयोग से इस संबंध में नई अधिसूचना जारी करने की मांग करते हुए यह नियम बनाने की मांग की है कि ऐसे लोगों को ही सूचना उपलब्ध कराई जानी चाहिए जिनका मांगी गई सूचना से सीधा सीधा संबंध हो। असंबंद्ध लोगों द्वारा विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुखों से मांगी गई सूचना से जहां वक्त बर्बाद होता है वहीं विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं।