जौनपुर। इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम खुमैनी द्वारा पैगम्बर इस्लाम हजरत मोहम्मद स.अ.व. के जन्मदिवस पर प्रारम्भ किये गये हफतय वहदत 12 रबीउल अव्वल से 17 रबीउल अव्वल का शुभारम्भ जौनपुर में इमामबाड़ा नाजिम अली खां अजीम नकवी की तेलवते कुराने मजीद से हुआ। जिसमें इमानियां नासिरिया अरबी कालेज जौनपुर के अध्यापक मौलाना उरूज हैदर खां ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि मुसलमानों में एकता समय की आवश्यकता है। इस बात को इमाम खुमैनी ने महसूस किया था।
आज इस्लाम दुश्मन ताकतों ने अपना गठजोड़ बना लिया है जिससे पूरे विश्व में मुसलमानों को नुकसान हो रहा है उन्होने इरान के पूर्व राष्ट्रपति स्व. हाशमी रफसनजानी के कथन के हवाले से कहा कि कम से कम पूरे विश्व के मुसलमान परचमे ला इलाहा इल्ललाह के परचम तले तो आ ही सकते है कलमा ला इलाहा इल्ललाह एकता के लिए सबसे बड़ी ताकत है। आयतुल्ला खामेनाई पूरे विश्व के मुसलमानों को एक मंच के नीचे देखना चाहते है सैयद मोहम्मद हसन ने भी अपने सम्बोधन में कहा कि शिया सुन्नी एकता पर बल दिया।
समाजसेवी एएम डेज़ी ने हजरत मोहम्मद स.अ.व के जन्मदिवस पर मुबारकबाद पेश की। इस अवसर पर यासीर जौनपुरी, अदीब जौनपुरी, हिजाब इमामपुरी, मो. शादाब ने नाते पाक का नजराना पेश किया। मीलाद के संयोजक हाजी समीर अली ने सभी उपस्थितजनों का शुक्रिया अदा किया।
इस अवसर पर डा. एबाद अली, तहसीन अब्बास सोनी, अलमदार जैदी, डा. हाशिम खां, डा. मशीयत हुसैन रिजवी, नजमुल हसन हैदरी, महताब हुसैन, मुस्लिम हीरा आदि उपस्थित रहे। संचालन सैयद असलम नकवी ने किया।