जौनपुर। लायन्स क्लब द्वारा विश्व डायबिटीज दिवस की पूर्व संध्या पर डायबिटीज जांच शिविर आयोजित किया गया। जिसमें लगभग 306 लोगों की डायबिटीज जांच कर डायबिटीज के प्रति जागरूक किया गया।
संस्थाध्यक्ष अशोक कुमार मौर्य ने आये हुए लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि डायबिटीज के मरीज़ो की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। जागरूकता के माध्यम से इस रोग पर नियन्त्रण किया जा सकता है।

वरिष्ठ हृदय व डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डा. वीएस उपाध्याय ने कहा कि आजकल के इस भागदौड़ भरे युग में अनियमित जीवनशैली के चलते जो बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है वह है डायबिटीज शुगर या मधुमेह। डायबिटीज को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष है वह यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है।
मधुमेह रोगियों को आंखों में दिक्कत, ह्रदय, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। पहले यह बीमारी चालीस की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका मिलना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है।
डायबिटीज के लक्षण:
ज्यादा प्यास लगना।
बार-बार पेशाब का आना।
आँखों की रौशनी कम होना।
कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना, हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म, बार-बार फोड़े-फुंसियां निकलना।
चक्कर आना।
चिड़चिड़ापन।
डायबिटीज की रोकथाम व नियन्त्रण हेतु डा. उपाध्याय ने बताया कि अपनी जीवन शैली में बदलाव करें, शारीरिक श्रम करें, प्रतिदिन तीन से चार किलोमीटर पैदल चले या योग व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें, तनाव मुक्त रहे, कम कैलोरी का भोजन लें, मीठा बिल्कुल भी न खाए।
कार्यक्रम का संचालन सै. मोहम्मद मुस्तफा ने किया। इस अवसर पर डा. क्षितिज शर्मा, शकील अहमद, अश्वनी बैंकर, शिवानंद अग्रहरी, आरपी सिंह, शत्रुघन मौर्य, अरूण त्रिपाठी, सुरेश चन्द्र गुप्ता, महेन्द्र नाथ सेठ, राम कुमार साहू उपस्थित रहे।