जौनपुर। किसानों को फसल काटने के बाद खेत में बचे अवशेषों को आग लगाने के बजाय उनका उचित प्रबंधन करना चाहिये, क्योंकि उससे कई लाभ मिलते हैं। आग लगाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है, वहीं भूमि की सेहत भी खराब होती है।

इतना ही नहीं, इसका उपजाऊपन बनाये रखने में सहायक मिट्टी में मौजूद मित्रकीट भी खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा वातावरण में तापमान बढ़ता है। साथ ही खेतों में आग फैलने व बस्ती में आग लगने की आशंका भी बनी रहती है। उक्त बातें कहते हुये विषय वस्तु विशेषज्ञ रमेश चन्द्र यादव ने आगे बताया कि एक किसान अलग-अलग प्रकार के अधिकतम 3 उपकरणों पर अनुदान का लाभ ले सकता है।
किसान को भारत सरकार द्वारा उपकरण के लिये निर्धारित किये गये अधिकतम मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा अनुदान राशि में से जो भी कम होगी, वह देय होगी। किसान भारत सरकार द्वारा अधिकृत अथवा किसी भी सूचीबद्ध कृषि यंत्र निर्माता से उपकरण की खरीद कर सकता है। इससे सम्बन्धित अधिक जानकारी उप कृषि निदेशक जौनपुर के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।