• मामला दलित विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों को क्लीन चिट देने का

जौनपुर। केराकत थाना क्षेत्र निवासी दलित विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में विधिक प्रावधानों की अवहेलना करते हुए आरोपी को क्लीन चिट देने के आरोप में सीजेएम ने क्षेत्राधिकारी नगर के खिलाफ वाद दर्ज किया तथा अपर पुलिस अधीक्षक नगर को मामले की जांच का आदेश दिया है।
मामले के अनुसार विवाहिता ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत अधिवक्ता हरिन्दर प्रसाद के माध्यम से प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि वादिनी के घर में घुसकर उसे डरा धमकाकर सामूहिक दुष्कर्म करने का मुकदमा आरोपियों के खिलाफ केराकत थाने में दर्ज है। वादिनी ने पुलिस व मजिस्ट्रेट को दिए बयान में घटना का पूरा समर्थन किया। गवाहों का भी बयान शपथ पत्र नोटरी के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को भेजा गया जिसमें गवाहों ने कहा कि 12 नवंबर 2018 को 6:00 बजे शाम वादिनी के घर से दो लोगों को भागते हुए देखा।

इसके बावजूद क्षेत्राधिकारी नगर ने वादिनी से कहा कि तुम्हारी बात विश्वसनीय नहीं है। जब तक सामूहिक दुष्कर्म का चश्मदीद साक्षी नहीं दोगी तब तक मुकदमे में कुछ नहीं करूंगा। विवेचक सीओ ने  अभियुक्तों को नाजायज लाभ पहुंचाते हुए उन्हें क्लीन चिट देते हुए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया। वादिनी ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विवेचक क्षेत्राधिकारी ने कानून के नियमों व प्रावधानों की अवहेलना किया और अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया। वादिनी ने प्रार्थना पत्र देकर क्षेत्राधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने की कोर्ट से फरियाद किया। मजिस्ट्रेट ने क्षेत्राधिकारी पर वाद दर्ज कर मामले की जांच का आदेश अपर पुलिस अधीक्षक नगर को दिया तथा जांच की बिंदुवार आख्या 11 अप्रैल 2019 को कोर्ट तलब किया है।




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