पटना (बिहार)। 
आशियाना दिघा मेन रोड नियर (बंधन बैंक) तिलकुवर मार्केट के पास पारस सेलेब्रेशन हाल टाॅप प्लोर में महा परिवर्तन आंदोलन के प्रेणता विनय कुमार सिंह पूर्व आईंपीएस ने बताया कि हम यहाँ न समाज सेवा करने आए हैं न की राजनीति। हम यहाँ सामाजिक क्रांति की वह बयार बहाना चाहते हैं जिससे सरकार एवं राजनीति की दिशा एवं दशा बदल सके। 
चालीस साल की धर्मनिरपेक्ष सरकार, पंद्रह साल की सामाजिक न्याय की सरकार एवं पंद्रह साल की सुशासन की सरकार ने हमें केवल गरीबी, बेरोजगारी, फटेहाली, जातिवाद का झुनझुना एवं जर्जर कानून व्यवस्था दी है। बिहार आज देश में सबसे पिछड़ा एवं बीमारू प्रदेश है जबकि हमारे नेता जातीय एवं राजनीतिक समीकरण से अपनी रोटी सेंक रहे हैं। 
स्पष्ट है कि सरकार चाहे किसी की भी आए स्थिति नहीं बदलने वाली। अब हमें पूरी कहानी का कथानक बदलना होगा। सरकार का स्वरूप बदलना होगा। यह काम वर्तमान स्थिति में कोई राजनीति या राजनेता नहीं कर सकते। हमें एक सामाजिक क्रांति की जरूरत है।
जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति के जरिए पूरे देश में प्रजातंत्र की रक्षा की थी। आज पैंतालीस साल बाद प्रजातांत्रिक पद्धति एवं प्रशासन की रक्षा के लिए हमें जगने की जरूरत है। बिहार में कोई जातिवाद नहीं है यहाँ विशुद्ध स्वार्थ वाद है जहाँ सभी राजनेता, जातिवादी अधिकारी एवं अपराधी अपनी अपनी जातियों का शोषण कर रहे हैं। 
हमने बिहार के लिए किसी भी राजनेता एवं व्यक्ति से कम खून पसीना नहीं बढ़ाया है। अब हम बिहार की जनता के बीच जाकर उनको बताना चाहते हैं कि आज जो बिहार की बदहाली है उसके लिए सीधे-सीधे आप जिम्मेवार हैं। मैंने तेलंगाना सरकार के कुशासन के विरुद्ध भी बुलंद आवाज उठायी और उनके मनमाने पन का विरोध किया। 
तत्पश्चात स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर बिहार में सामाजिक क्रांति लाने का बीड़ा उठाया है। बिहार मेरी जन्मभूमि है तथा इसकी हालत अति दयनीय है। इसलिए अपनी मातृभूमि का कर्ज हमें चुकाना है। इस सामाजिक क्रांति एवं महा परिवर्तन आंदोलन का उद्देश्य बिहार को गरीबी, जलालत एवं बदहाली से निकालना है जिसके पाँच रास्ते हैं:—
1. विवाद हीन समाज- सभी विवादों को आपस में सुलझाना ताकि कानून व्यवस्था ठीक हो तथा कल कारखाने बिहार में आएँ। इतनी अच्छी बिहार पुलिस को हमारी सरकार ने जाति एवं राजनीति का अखाड़ा बना दिया है।
2. शिक्षा- बिहार के सभी स्कूल एवं कॉलेज ध्वस्त हैं। भारत मे सबसे ज्यादा अशिक्षितों की संख्या इस "सुशासित" बिहार में है। गाँव-गाँव में शिक्षा के स्तर में सुधार करना है जिसका  दिशा निर्देश हम करेंगे।
3. स्वास्थ्य- सभी अस्पताल श्मशान घाट से भी बदतर स्थिति में है जहाँ गए तो लौटकर नहीं आएंगे। इसलिए हर गाँव में हर महीने स्वच्छता अभियान एवं वृक्षारोपण का कार्यक्रम चलाना होगा।
4. ईमानदार प्रतिनिधि का चुनाव- सरकार चाहे कोई बनाए पर उम्मीदवार ईमानदार एवं स्वच्छ छवि का हो। अगर नहीं हो तो उसे हराया जाए। अच्छा उम्मीदवार चाहे किसी भी पार्टी एवं जाति का हो उसे ही मत दिया जाए। "अबकी बार ईमानदार सरकार"
5. भ्रष्टाचार का पुरजोर विरोध- हर अन्याय, हर बेईमानी, हर भ्रष्टाचार चाहे कोई करे या किसी भी कार्यालय में हो इसका विरोध किया जाए। हम इस विरोध में जनता का पूरा साथ कदम कदम पर देंगे।
मैंने कई पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी को लिखे कि बिहार को कम समय में सुधारा जा सकता है मेरी सलाह मानिए पर बिहार को सुधारने से ज्यादा चुनाव जीतना हर राजनेता के लिए जरूरी हो गया है। जैसे मैंने एस.टी.एफ. बिहार को देश का सर्वोत्कृष्ट कमांडो बनाया था उसी तरह बिहार को भी सर्वोत्कृष्ट राज्य बनाना है। बिहार की जिस दुर्दशा को पंद्रह साल के सुशासन ने नहीं सुधारा उसे हम पंद्रह महीने में सुधार सकते हैं, अगर माननीय मुख्यमंत्री चाहें और मेरी सलाह मानें।
हमारा दौरा चार मार्च से पंद्रह मार्च तक रोहतास, बक्सर, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद एवं औरंगाबाद में होगा। इसी तरह हम पूरे बिहार में लोगों को जगाएँगे एवं जोड़ेंगे। हमें बिहार की जनता की आवाज बनना है।
मुझे पूरा विश्वास है कि यह सामाजिक क्रांति जरुर सफल होगी और फिर राजनीति बेमानी हो जाएगी क्योंकि वह निजी सनक एवं निजी लाभ के लिए नहीं बल्कि प्रशासनिक मापदंडों पर आधारित होगी। आयोजित प्रेस वार्ता में आयोजक राजू ओझा, पवन कुमार के साथ महा परिवर्तन आंदोलन के वरिष्ठ श्रीकांत पांडेय, अजय सिंह, बिमलेश पांडेय, प्रविन तिवारी, शिवकुमार यादव, एसए खान, अंकुश ओझा, विक्की त्रिपाठी, सुधांशु तिवारी आदि लोग मौजूद रहे। 

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