विमल पाठक
 मुम्बई। कोरोना विरुद्ध जंग में हर व्यक्ति अपनी भूमिका अदा कर रहा है। चिकित्सक अपनी और मरीजों का इलाज, वैज्ञानिक इस कीटाणु के खात्मे के लिए दवाई की खोज, सरकार सभी को इस बीमारी से बचाव के तरीके, समाजसेवी और सामाजिक संस्थाए मजबूर, जरूरतमंदों को सहायता, हर तरफ, हर लोग इनसभी का सहयोग और प्रशंशा कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ हर सरकारी आदेश पर बिना कोई सवाल किये, उसे लागू करने के लिए अपने घर परिवार को छोड़, 12-12 घण्टे ड्यूटी करने वाले हर पुलिसकर्मी एवं अपने स्वतः की चिंता किये बगैर मरीज की हालत के बारे में जांच कर डाक्टर को सही स्तिथि से अवगत कराने वाले स्वास्थ्य कर्मी को सभी भूल जाते हैं।
पुलिसकर्मी जब घर से निकलते हैं तभी से वे हर व्यक्ति को अपने घर में रहने की हिदायत देते हैं। कभी-कभी लोगों के हुजूम उनपर उल्टा प्रहार भी कर देती है। कहीं-कहीं लोग उन्हें गाली गलौच भी देती है परन्तु इस आपदा में हर पुलिसकर्मी बड़े ही धर्य से संयम बरते हुए हर नागरिक की हिफाजत कर रहा है। जहां चिकित्सकों को स्वतः के सुरक्षा के लिए किट उपलब्ध है, ये पुलिसकर्मी बिना किसी आत्मसुरक्षा किट के भी सिर्फ मानवता के लिए दिन रात लगे हैं।
वहीं हाल इन स्वास्थ्यकर्मियों का भी है। वे भी दिन-रात अपनी सुरक्षा की चिंता किये बगैर अपना मानवता धर्म निभा रहे हैं। आखिर क्यों, क्योंकि ये लोग सर्फ और सिर्फ मानवता को देख रहे हैं और इस समय इन्हें सिर्फ एक ही दुश्मन नजर आ रहा है और वह है कोरोना तो राष्ट्रीय गूंज की कार्यकर्ता पुलिसकर्मी संजू देवी अमित पाल सभी देशवासियों से सिर्फ यही अपील करती हैं कि इस महाभयंकर बीमारी से अगर जीतना है तो सरकार द्वारा दिये गए हर सूचना का पालन करें और पुलिस विभाग की सहायता करें। इस समय पुकिसकर्मी जो भी सकती बरत रहे हैं। ये आवाम की भलाई एवं इंसानियत को बचाने के लिए ही है।



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