हाथ गाड़ी के सहारे गाजीपुर से जौनपुर पहुंचा दिव्यांग | #Lockdown_Day_2
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जौनपुर। गाजीपुर जनपद से बुधवार की सुबह अपने हाथ गाड़ी के सहारे पैर से विकलांग व्यक्ति चला। रास्ते में कई थाना व बाजार पड़ा तथा कई वाहन वाले भी गुजरे परंतु उसकी सहायता किसी ने नहीं किया।
बता दें कि जौनपुर के मछलीशहर थाना क्षेत्र के देवरिया गांव निवासी उक्त विकलांग युवक लखनऊ में रोड पर पान गुटखा बेचकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता था। लॉकडाउन का हल्ला सुनकर वह लखनऊ से घर आने के लिए बस पर बैठ गया। बस जौनपुर न आकर सीधे गोरखपुर चली। गोरखपुर से बस द्वारा वह गाजीपुर गया। गाजीपुर से कोई साधन नहीं मिला और उसको वहां रहने का कोई सहारा भी नहीं मिला तो वह गाजीपुर से बुधवार की सुबह अपने हाथ गाड़ी के सहारे अपने घर मछलीशहर के लिए निकल पड़ा।
वह गुरूवार को कई थाना पार करते हुए सुबह 10 बजे गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के रामपुर चौराहे पर पहुंचा और चाय पीने की मांग किया। वहां एकत्रित लोगों से कहा कि मुझे किसी साधन से जौनपुर शहर भेजवा दीजिये क्योंकि मेरे लोग साधन लेकर शहर में खड़े हैं। उसने बताया कि पुलिस वाले आने नहीं दे रहे है। उक्त विकलांग के अनुरोध के बावजूद उसकी किसी ने नहीं सुनी क्योंकि लोगों को डर था कि कहीं इसको कोरोना वायरस तो नहीं है। इसलिए उसके पास कोई नहीं जाता था पुलिस वाले भी कतरा रहे थे। फिलहाल उक्त विकलांग ने अपने हाथ गाड़ी के सहारे आगे की यात्रा पूरी की।
बता दें कि जौनपुर के मछलीशहर थाना क्षेत्र के देवरिया गांव निवासी उक्त विकलांग युवक लखनऊ में रोड पर पान गुटखा बेचकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता था। लॉकडाउन का हल्ला सुनकर वह लखनऊ से घर आने के लिए बस पर बैठ गया। बस जौनपुर न आकर सीधे गोरखपुर चली। गोरखपुर से बस द्वारा वह गाजीपुर गया। गाजीपुर से कोई साधन नहीं मिला और उसको वहां रहने का कोई सहारा भी नहीं मिला तो वह गाजीपुर से बुधवार की सुबह अपने हाथ गाड़ी के सहारे अपने घर मछलीशहर के लिए निकल पड़ा।
वह गुरूवार को कई थाना पार करते हुए सुबह 10 बजे गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के रामपुर चौराहे पर पहुंचा और चाय पीने की मांग किया। वहां एकत्रित लोगों से कहा कि मुझे किसी साधन से जौनपुर शहर भेजवा दीजिये क्योंकि मेरे लोग साधन लेकर शहर में खड़े हैं। उसने बताया कि पुलिस वाले आने नहीं दे रहे है। उक्त विकलांग के अनुरोध के बावजूद उसकी किसी ने नहीं सुनी क्योंकि लोगों को डर था कि कहीं इसको कोरोना वायरस तो नहीं है। इसलिए उसके पास कोई नहीं जाता था पुलिस वाले भी कतरा रहे थे। फिलहाल उक्त विकलांग ने अपने हाथ गाड़ी के सहारे आगे की यात्रा पूरी की।