जितेन्द्र चौधरी
 बाबतपुर, वाराणसी। मुंबई से बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे कानपुर निवासी राज बहादुर एवं बहराइच निवासी मंसूर चुपचाप परिसर से बाहर निकले। वहां स्वास्थ्य टीम व सुरक्षाकर्मी नहीं पकड़ सके जबकि मुंबई में ही दोनों के हाथ पर होम क्वारेंटाइन की मुहर लगी थी। एयरपोर्ट से दोनों रात 9 बजे कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचे। प्लेटफार्म एक लखनऊ की ट्रेन का इंतजार करने लगे। जीआरपीएफ को आशंका हुई।
उन्होंने स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन सिंह को अवगत कराया। उन्होंने चिकित्सकीय टीम भेजा और खुद भी मौके पर पहुंचे। जांच में हाथ पर लगी होम क्वारेंटाइन की मुहर दिखी रेलवे पर हड़कंप मच गया। डायरेक्टर ने टोल फ्री नंबर के साथ ही एंबुलेंस को फोन किया।
सीएमओ को फोन करके अवगत कराया। घंटों मदद नहीं मिली तो कमिश्नर दीपक अग्रवाल को फोन किया। इसके बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची दोनों को शिवपुर स्थित क्वारेंटाइन भेजा गया, वहीं सोमवार की भोर में मां के साथ आई गाजीपुर निवासी युवती जांच में कोरोना संदिग्ध मिली।
अस्पताल तक भेजने में रेलवे प्रशासन को परेशानी हुई। बड़ा सवाल यह है कि जब कैण्ट एवं मड़ुवाडीह रेलवे स्टेशन पर क्वारेंटाइन वार्ड बना है तो रेलवे प्रशासन स्वास्थ्य विभाग पर निर्भर क्यों?



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