जौनपुर। महराजगंज क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बाहर से लौट रहे प्रवासियों की भरमार है लेकिन ग्राम प्रधान आगामी चुनाव के मद्देनजर सम्पूर्ण सूचनाएं देने से कतरा रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार क्षेत्र के लगभग 70 प्रतिशत परिवारों के लोग रोजी-रोटी के सिलसिले में मुम्बई, दिल्ली, सूरत सहित अन्य महानगरों में निवास करते हैं। वहां पर लॉक डाउन के चलते व्यापार, कारखाना आदि बंद हो जाने से महानगरों से पलायन कर विभिन्न साधनों से घर वापस आ गये हैं। कुछ बस तो कुछ निजी गाड़ी बुक करके वापस आये हैं तो कुछ ट्रेनों से आये हैं।
अल्पसंख्यक वर्ग के काफी लोग विदेशों से भी वापस आये हैं लेकिन इनकी सूचना प्रशासन को देने से ग्राम प्रधान कतरा रहे हैं। ग्रामीणों में यह भ्रांति फैली हुई है कि जांच के बाद उसे 14 दिन तक सुरक्षित अलग कमरे में रख दिया जायेगा। ऐसे में ग्रामीण अपनी जांच करवाना ही नहीं चाहते हैं। चूंकि इसी वर्ष ग्राम पंचायत के चुनाव होने हैं। ऐसे में इनकी नाराजगी से बचने के लिये ग्राम प्रधान भी इनकी सूचना प्रशासन को देने से कतरा रहे हैं।
बता दें कि युवाओं में प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है लेकिन संक्रमित होने पर करोना के लक्षण इनमें देर से उत्पन्न होते हैं परन्तु संक्रमण फैलता रहता है। कोरोना के लक्षण न उत्पन्न होने से यह लोग घर परिवार में आराम से निवास कर रहे हैं। बाहर से आने वाले लोगों की अगर जांच न की गयी तो कोरोना संक्रमण से अनजान लोग दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं।




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