बिहार। 10000 पाण्डुलिपियों की खोज करने वाले महापुरूष हमारे अपने समाज से हैं। प्रथम बिहार केसरी की उपाधि जनता ने अपने समाज के महापुरूष को दिया है। राजकुमारी अमृत कौर जो 10 साल तक स्वास्थ्य मंत्री रहीं, वे अपने समाज से ही थीं। टीएनबी कालेज भागलपुर के तेज नारायण बाबू कलवार ही थे। अभिनेता प्राण व इण्डिवर का इसी समाज से ताल्लुकात है। 2200 महिलाओं को मुगलों से मुक्त कराने वाले महापुरूष योद्धा अपने ही समाज के हैं।
किशोर भगत राष्ट्रीय अध्यक्ष आइका।
उक्त बातें राष्ट्रीय संस्था आल इण्डिया कलवार समाज (आइका) के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर भगत पत्र-प्रतिनिधि से हुई एक भेंट के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा कि हम गर्व है कि हम कलवार, कलाल, कलार समाज से हैं। आज जरूरत है ऐसे महापुरूषों को सामने लाने की जिन्हें कलवार, कलाल, कलार होने के नाते उनके नाम दबा दिये गये हैं। ऐसे महापुरूषों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को समाज में पेश किया जाय, ताकि इनके नाम को दबाने वाले लोगों की पोल खुल सके। उन्होंने बताया कि ‘आइका टाइम्स’ नामक पत्रिका अपने महापुरूषों को शत-शत नमन करते हुये उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
समस्त स्वजातीय बंधु, अपनी जाति को छिपाये नहीं, बल्कि बताये कि हमें अपने महापुरूषों पर गर्व है। हम उनकी सन्तान हैं जिस पर पूरा भारत गर्व करता है। आइका अपने महापुरूषों को समर्पित ‘आइका टाइम्स’ नामक एक पत्रिका प्रकाशित करने जा रही है जिसमें सभी स्वजातीय बंधुओं के सहयोग की आवश्यकता है।


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