जौनपुर। कोरोना वायरस जैसी महामारी को लेकर हाईकोर्ट ने स्वच्छता के संबंध में तथा वादकारियों की कोर्ट में न आने के संबंध में निर्देश दिए हैं। आदेश के 4 दिन बाद भी स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन द्वारा थर्मल स्कैनिंग व सेनिटाइजेशन की समुचित व्यवस्था न कर वकीलों के जीवन को संकट में डालने से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी प्रदर्शन किया। जुलूस की शक्ल में परिसर का चक्रमण किया।
कहा कि जब प्रधानमंत्री ने स्वयं इसके लिए सतर्कता व सावधानी बरतने के लिए कहा है। उसके बाद भी लापरवाही बरतना वकीलों के जीवन पर संकट उत्पन्न कर सकता है। अधिवक्ताओं ने जिला जज से मांग किया कि न्यायालय बंद किया जाए। जिला जज ने कहा कि थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है। सीएमओ व सीएमएस से बात की गई है। कोर्ट बंद करने के अधिवक्ताओं के प्रस्ताव को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास अनुमति के लिए भेज दिया गया है।
कोर्ट पर तैनात डॉक्टर ने भी बताया कि सीएमओ से पत्र व्यवहार के बाद भी बजट न होने के कारण थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था नहीं हो सकी है। सेनिटाइजेशन भी समुचित तरीके से नहीं हो पा रहा है जबकि विभिन्न प्रांतों व जिलों से वादकारी आ रहे हैं। उनके कोरोना वायरस से प्रभावित होने पर अधिवक्ता भी उनकी चपेट में आ सकते हैं। जिला जज ने भी वादकारियों से अपील किया कि वे इस महामारी के दौरान न्यायालय न आएं। उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं होगा।
विरोध प्रदर्शन में अध्यक्ष बृजनाथ पाठक, प्रभारी मंत्री अरविंद तिवारी, मुमताज अली, जितेंद्र उपाध्याय, अवधेश सिंह, भूपेश सिंह, सुरेंद्र मिश्र, हिमांशु श्रीवास्तव, सिद्धार्थ सिंह रघुवंशी, बृजेश सिंह, बृजेश निषाद, निलेश निषाद, रीता सरोज, घनश्याम यादव, संजीव सिंह, कृष्ण मोहन यादव, शहंशाह हुसैन, धीरेंद्र उपाध्याय, शरदेंदु चतुर्वेदी, मो. उस्मान, अटल बिहारी, पंकज त्रिपाठी, पंकज श्रीवास्तव, अजीत सिंह, मनीष सिंह, अजय गुप्ता, विनय सिंह, बृजेश निषाद आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।



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