• जीवन रक्षक सेवाएं जारी रहेंगी, सख्ती के बाद भी वस्तुओं की कीमतें आसमान

सुरेश गांधी
वाराणसी। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर देशभर में 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन है। इसके बावजूद मानव इतिहास में जिन्दगी बचाने की इस सबसे बड़ी जंग में देशभर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक 605 कंफर्म केस मिले हैं। जबकि 12 लोगों की जान इस महामारी ने ली है। खास बात यह है कि इस लॉकडाउन के बीच लोग मां भगवती की आराधना में कहीं कोई रुकावट नहीं है। लोगबाग नियमों का पालन करते हुए मां की पूजा में लीन है। जबकि दफ्तर, बाजार, सार्वजनिक परिवहन सबकुछ बंद है। लेकिन खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री ने साफ-साफ कहा है कि इन 21 दिनों तक इस देश में कोई भी अपने घर से बाहर कदम नहीं रखेगा। केवल जीवनरक्षक सेवाएं ही इस दौरान जारी रहेंगी। यह अलग बात है कि कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए किए गए लॉकडाउन की आड़ में सब्जी व फल वाले कालाबाजारी पर भी उतर आए हैं। यही कारण है कि इनके दाम बढ़ गए हैं। यहां तक की मिर्च का भाव भी तीखा हो गया है। यही नहीं टमाटर भी गुर्राने लगा है। राम नवमी को लेकर सब्जी ही नहीं फल एवं पूजा सामग्री की भी मांग बढऩे से विक्रेताओं ने रेट बढ़ा दिया है।
कोरोना के खिलाफ साबुन ज्यादा कारगर
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के प्रोफेसर पॉल थॉर्डर्सन ने कोरोना वायरस से बचने के लिए साबुन को ज्यादा बेहतर विकल्प बताया है। साबुन वायरस में मौजूद लिपिड का आसानी से खात्मा कर सकता है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए हाईजीन का ख्याल रखना ही बचाव की एकमात्र तरकीब है। उनका कहना है कि साबुन या सैनिटाइजर से अच्छे से हाथ धोकर ही आप इस जानलेवा वायरस से बच सकते हैं। दरअसल साबुन में फैटी एसिड और सॉल्ट जैसे तत्व होते हैं जिन्हें एम्फिफाइल्स कहा जाता है। साबुन में छिपे ये तत्व वायरस की बाहरी परत को निष्क्रिय कर देते हैं। करीब 20 सेकंड तक हाथ धोने से वो चिपचिपा पदार्थ नष्ट हो जाता है जो वायरस को एकसाथ जोड़कर रखने का काम करता है। आपने कई बार महसूस किया होगा कि साबुन से हाथ धोने के बाद स्किन थोड़ी ड्राइ हो जाती है और उसमें कुछ झुर्रियां पड़ने लगती हैं। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि साबुन काफी गहराई में जाकर कीटाणुओं को मारता है।
डीएम का ऐलान, अधिक दाम लेने पर होगी कार्रवाई
जिला प्रशासन लॉक डाउन के दौरान कारोबारी गतिविधियों को सुचारू ढंग से चलाने के लिए लगातार प्रयासरत है। कारोबारियों की सहूलियत के लिए रूपरेखा तय की है। इसके साथ ही बाजार में किसी भी आवश्यक वस्तु की उपलब्धता में कमी न हो यह भी प्रयास किया जा रहा है। जिलाधिकारी के अनुसार लोगों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए कई इंतजाम किए जा रहे हैं। कहा, जो भी होम डिलीवरी करना चाहते है वो अपने व्यापार मंडल को नाम, पता, फ़ोन नंबर और दुकानदार और डिलीवरी मैन के कितने पास चाहिए, किस थाना क्षेत्र और मोहल्ले में होम डिलीवरी करेंगे इसकी सूचना उपलब्ध करा दे। इनकी होम डिलीवरी शाम 6 बजे तक लागू कराई जाएगी। जो भी रिटेलर टाटा मैजिक जैसे वाहनों में चलती दुकान के माध्यम से सामान गली मोहल्लों में बिक्री करना चाहते हैं वो भी अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर व्यापार मंडल को उपलब्ध कराएं। वाहन उनको खुद रखने होंगे। उनके और उनके वाहन के भी पास जारी कराये जाएंगे। इन दो व्यवस्थाओं में राशन, जनरल आइटम, फल, सब्जी, दूध, दवाई सब शामिल है। इसमे बड़े छोटे स्टोर, मार्किट चैन भी शामिल हो सकते हैं। व्यापार मंडल इनकी सूची एडीएम सिविल सप्लाई वाराणसी 9454417031 को व्हाट्सएप्प पर उपलब्ध कराएंगे। अब धीरे धीरे 2-3 दिनों में रिटेल की दुकानों के खुलने की जगह इन व्यवस्थाओं को ही बढ़ावा दिया जाएगा। इसलिए ज्यादा से ज्यादा छोटे दुकानदार इस व्यवस्था से जुड़ें। हर थाना क्षेत्र में सीमित ही पास जारी हो पाएंगे इसलिए जो पहले आएंगे वो लाभ पाएंगे।
क्या हैं आपके अधिकार
सुरक्षा का अधिकार यानी सही वस्तुओं और सेवाओं को पाने का अधिकार है। अगर कोई वस्तु या सेवा कंज्यूमर के जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक है, तो उसके खिलाफ सुरक्षा पाने का अधिकार है। सूचना के अधिकार यानी कंज्यूमर को वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता, मानक और कीमत के बारे में जानकारी पाने का अधिकार है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई दुकानदार या सप्लायर या फिर कंपनी आपको किसी वस्तु या सामान की सही जानकारी नहीं देती है, तो उसके खिलाफ आप केस कर सकते हैं। चुनने का अधिकार यानी कंज्यूमर को वस्तुओं और सेवाओं को चुनने का अधिकार है। वो अपनी पसंद की सेवा या वस्तु का चुनाव कर सकता है। किसी भी कंज्यूमर को कोई विशेष वस्तु या सेवा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।



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