जौनपुर। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बावजूद भी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों व प्रधानाध्यापको को विद्यालय में मौजूद रहने के आदेश से नाराज शिक्षकों ने जिलाध्यक्ष अमित सिंह के नेतृत्व में गुरुवार को जिलाधिकारी से मिलकर विधालयों को पूर्णतया बन्द कराने की मांग किया। जिलाधिकारी ने उनकी मांग को जायज ठहराते हुए सभी विद्यालयों को पूर्णतया बन्द करने का निर्देश दे दिया। कहा कि कोई भी प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षामित्र या अनुचरो की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए एहतियात के तौर पर सूबे के सभी सरकारी व निजी स्कूलों तथा कॉलेज व कोचिंग संस्थानों को दो अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। बुधवार को शासन के निर्देश पर जारी पत्र में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापको व शिक्षकों को विद्यालय पर रहकर कायाकल्प योजनान्तर्गत हो रहे निर्माण कार्य एवं अन्य विभागीय कार्यों की देखरेख हेतु विद्यालय पर उपस्थित रहने का निर्देश प्राप्त हुआ तो शिक्षक नाराज हो गए।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमित सिंह ने सुबह ही बेसिक शिक्षा के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह के व्हाट्सएप नम्बर पर विद्यालयों को पूर्णतया बन्द करने की मांग किया। कहा कि कोरोना जैसे महामारी में शिक्षकों का विद्यालय रहकर कार्य करना संक्रमण को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा पूर्णतया अवकाश के संदर्भ में पत्र जारी कर दिया गया है।
इस अवसर जिलामंत्री संजय सिंह, संगठन मंत्री अश्वनी सिंह, संतोष सिंह बघेल, संयुक्त मंत्री शैलेंद्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष राजेश सिंह टोनी, ब्लाक अध्यक्ष सिकरारा मृत्युंजय सिंह, ब्लाक अध्यक्ष बक्शा सरोज सिंह, ब्लाक अध्यक्ष करंजाकला अतुल सिंह, ब्लाक अध्यक्ष मुफ्तीगंज सतीश पाठक, विशाल सिंह, सजल सिंह, अमित अस्थाना, अमित सोनकर, प्रदीप सिंह, शशांक शेखर मिश्र, नवीन सिंह, राजकुमार सिंह, नवीन सिंह आदि मौजूद रहे।



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