जौनपुर। कर्म करो, फल की इच्छा न करो...। इन पंक्तियों को युवा पत्रकार सचिन समर ने चरितार्थ किया है। प्रयोजनमूलक हिन्दी पत्रकारिता बीएचयू के छात्र सचिन ने अपने ट्वीटर हैण्डल से 9 मार्च को मिनिस्ट्री आफ रेलवे, नार्दन रेलवे के जीएम, नगर निगम वाराणसी, पीएमओ इण्डिया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को वाराणसी जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर 5 का 12 सेकेण्ड का एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा कि गर्मियां शुरू हो गयी हैं।
अब प्लेटफार्मों की टोटियां तोड़ दी जायेंगी, ताकि बोतल बन्द पानी बिक सके जिसकी शुरूआत हो चुकी है। रेलवे से अनुरोध है कि इस पर तत्काल ध्यान दें। इस ट्वीटर को संज्ञान में लेते हुये इण्डियन रेलवे सेवा के ट्वीटर हैण्डल से उनको रिप्लाई मिला कि कृपया अपना मोबाइल नम्बर डायरेक्टर मैसेज के माध्यम से साझा करें।
इस पर उन्होंने अपना नम्बर उन्हें साझा किया। 12 मार्च को जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उन्होंने एक फिर 10 सेकेण्ड का वीडियो शेयर करते हुये लिखा कि जिस लोकतांत्रिक ढांचे में हम रह रहे हैं, जरूरी नहीं कि सब कुछ अच्छा हो ही। सिर्फ अच्छा बोलना/फेंकना भी काफी है। नैतिकता जरूरी नहीं। ट्वीट करने का कोई फायदा नहीं, वहां कोई सुनता नहीं...!
इस ट्वीटर को उन्होंने रेल मंत्रालय, पीयूष गोयल, रेलवे सेवा, जलशक्ति अभियान को शेयर किया। साथ ही पीएमओ इण्डिया को टैग करते हुये उन्होंने लिखा कि कई दिनों से यह पानी गिर रहा है। 12 मार्च को ही उन्होंने एक और ट्वीट किया जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिलाधिकारी वाराणसी, एडीजी जोन वाराणसी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कुछ मीडिया संस्थानों को टैग करते हुये अपने 9 मार्च के ट्वीट को रिट्वीट किया और लिखा नहीं हुई कार्यवाही...।
इसके बाद वह कुछ दिन शान्त रहे। अन्ततः 19 मार्च को उनका ट्वीट काम कर गया, क्योंकि स्टेशन पर देखा गया कि रेलवे विभाग ने टूटी टोटियां को सही करा दिया है। उन्होंने एक फोटो खींची और शुक्रिया के साथ रेलवे सेवा को टैग किया। इस कहानी पर मशहूर कवि सोहन लाल द्विवेदी की रचना याद आती है कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।



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