मुंबई। अपंग दिवस के उपलक्ष्य पर समाजसेवी मंगेश पेडामकर ने कहा कि ऐसी भयानक बीमारी से ग्रसित भारत में लाखों बच्चे हैं किन्तु भारत सरकार का स्वास्थ्य विभाग अभी भी पूर्ण रूप से रोकथाम नहीं कर पा रही है। जबकि पल्स-पोलियो अभियान अनवरत चल रहा है।
 बहुत सारे बच्चे गर्भ से ही ग्रसित होकर पैदा हो रहे हैं और कितने बच्चों को प्रदूषण का शिकार बनना पड रहा है। बढ़ते प्रदूषण से विकलांगता ही नहीं अपितु कई भयानक बिमारियों का शिकार बच्चे, नौजवान हो रहे हैं। यह बच्चों में विकलांगता माता-पिता के जिन्सों  में कमी के कारण भी हो रही है।
इस बीमारी को दूर करने हेतु, रोग से ग्रसित बच्चों के उपचार हेतु आने वाले खर्च का वहन करने के लिए नि:शुल्क आनुवंशिक जांच प्रदान करना अति आवश्यक है। इसके लिए भारत के सभी बीमा कंपनियों को आगे आना चाहिए। अराजक राष्ट्रीय आरोग्य अभियान में सभी प्रकार के एमडी विशेषज्ञों को तीव्र गति से बढ़ते अपंगत्वता के रोकथाम हेतु आरोग्य अभियान में उपस्थित रहना, औषधालय से नि:शुल्क औषधि की व्यवस्था, उपचार में आने वाले खर्च हेतु निधि एकत्रित करने वाली संस्थाओं का निर्माण एवं प्रशासन द्वारा आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने जैसी व्यवस्था होनी चाहिए। विकलांगता के पीछे धूम्रपान का करना सबसे खतरनाक है। धुम्रपान जैसी बुरी आदत से माता-पिता को दूर रहना चाहिए तथा बच्चों को भी धूम्रपान, नशामुक्ति की उचित शिक्षा देनी चाहिए।
पेडामकर ने कहा कि विकलांग जैसे रोग के निदान व उससे बचने के लिए प्रचार-प्रसार करने हेतु आवश्यक अनुवांशिक समुपदेश के लिए गीतिका खन्ना-दिल्ली (9818227215), अजित सिन्हा- नागपुर (8208570955), मंगेश पेडामकर-मुंबई (9664888111) व सुरेश घारे- मुंबई (9324898198) से संपर्क किया जा सकता है।

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