जौनपुर। दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओं ने दिल्ली में पुलिस की वकीलों पर दमनात्मक कार्यवाही को लेकर पूरे दिन न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। घटना पर गहरा आक्रोश जताया। अधिवक्ता संघ ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को प्रस्ताव भेजकर घटना की निंदा की। उधर बार काउंसिल आफ यूपी ने आठ नवंबर को न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए विरोध दिवस मनाने का ऐलान किया है।

दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओं ने बार के अध्यक्ष बृजनाथ पाठक को दरखास्त दिया कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा वकीलों पर दमनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें मारा-पीटा गया व गोलियां बरसाई गई बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी घटना की निंदा की और कार्य का विरोध किया। वकीलों ने बैठक कर घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि पार्किंग को ही लेकर दिल्ली में पुलिस ने वकीलों पर दमनात्मक कार्रवाई किया। दीवानी न्यायालय में भी कार पार्किंग का कोई इंतजाम नहीं है आए दिन गाड़ियां खड़ी करने को लेकर लोगों से तक झक होती है।
बैठक में प्रभारी मंत्री अरविंद तिवारी, सुरेंद्र मिश्र, घनश्याम यादव, समर बहादुर यादव, राहुल पाठक, अवधेश सिंह, सुभाष यादव, हिमांशु श्रीवास्तव, बृजेश सिंह, कुमार सिद्धार्थ सिंह रघुवंशी, पंकज श्रीवास्तव, सुरेंद्र प्रजापति, बृजेश निषाद, पुनीत शुक्ला, अजीत सिंह, हंसराज चौधरी, मनीष सिंह आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।



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