वाराणसी। जनपद के बाबतपुर की कुटुम्ब संस्था ने स्थानीय गांव में वार्षिकोत्सव कुटुम्बोत्सव के रूप में मनाया। इस कार्यक्रम की थीम उबुन्तु थी जो अफ्रीका के आदिवासी सभ्यता से उपजा एक सिद्धांत है जिसका मतलब है कि हमारा अस्तित्व पूरे समाज के अस्तित्व के साथ जुड़ा है और हम अकेले खुश नहीं रह सकते।
समारोह में कुटुम्ब के बच्चों ने बहुत सुंदर गायन, वादन, नृत्य व नाटक का भी मंचन किया। बच्चों की कलात्मकता, उत्साह व कौशल को देखकर सभी लोग मंत्र-मुग्ध हो गये। एक तरफ योग डांस जैसी अनूठी प्रस्तुति थी तो दूसरी तरफ ढोंगी बाबा, नो प्लास्टिक जैसा मजेदार नाटक था।
वाराणसी के बाबतपुर क्षेत्र में
आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोग।
वहीं तबला-हारमोनियम की संगत के साथ सुरीला गायन था। कुटुम्ब की ताई-क्वोडो टीम जिसने हाल ही में जिला स्तर पर पदक जीते हैं, बड़े नायाब तरीके से यह दिखाया है कि कोई भी हमारा हमला होने पर बच्चों कैसे अपनी आत्मरक्षा कर सकती हैं। दो प्रस्तुति के बीच में उत्सव की सूत्रधार हितेश और गौरीशा उबुन्तु के बारे में बड़ी रोचक तथ्य बताते रहे। कार्यक्रम को देखने आये सैकड़ों लोगों ने इसकी खूब सराहना किया।
संस्था के सचिव डा. आशीष ने बताया कि 16 साल पहले कुटुम्ब की स्थापना ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की आधार पर हुई थी जिसका मतलब है कि पूरा संसार एक ही परिवार है। संस्था की निदेशक पूजा सिंह ने बताया कि संस्था सिर्फ बच्चों के पुनर्वास पर ही नहीं, बल्कि सामुदायिक विकास पर भी वर्षों से काम कर रही है।
कार्यक्रम के समापन पर उपाध्यक्ष अभिनव पेशवानी ने लोगों को आमंत्रित किया कि वह कुटुम्ब परिवार का हिस्सा बनें और समुदाय के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभायें। अन्त में राष्ट्रगान के बाद सब अतिथियों ने बच्चों के साथ मिलकर आकाशदीप छोड़ें और समाज सेवा का संकल्प लिया।



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