सुजानगंज, जौनपुर। बरईपार बाजार के वारी गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भगवत कथा महापुराण सप्ताह ज्ञान के चौथे दिन कथावाचक भागवत रत्न शैलेन्द्राचार्य महाराज ने कथा का रसपान करवाते हुए भगवान कृष्ण के जन्म की कथा में कहा कि शिव त्याग एवं वैराग्य के प्रतीक हैं। आचरणों से संतोष प्राप्त होता है। इच्छा ही दुखों का कारण है। देश में बढ़ रही अशांति, अधार्मिकता तथा असंतोष का निदान केवल धार्मिक ग्रंथों के बताए मार्ग पर चलने से संभव है। धर्म हमें मर्यादा में रहने की प्रेरणा देता है। कथा के दौरान ज्यों ही मां देवकी के पुत्र रत्न की प्राप्ति की घोषणा की, त्यों ही पंडाल में पुष्प वर्षा शुरू हो गई। भगवान का जन्म हुआ वैसे ही वासुदेव देवकी के सारे बंधन खुल गए। इसके बाद वासुदेव श्रीकृष्ण को गोकुल छोड़कर आए जैसे ही सुबह हुई बाबा नंद के यहां उत्सव का माहौल बन गया। जिसने भी बाबा नंद के यहां बेटे होने की खबर सुनी वही झूमने लगा।
भगवान विष्णु के राम अवतार कृष्ण अवतार की लीला के बारे में विस्तार पूर्वक श्रद्धालुओं को बताया। कंस इतना अत्याचारी था कि उसने अपने पिता अग्रसेन को भी कारागार में डाल दिया। भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जन्म की कथा भक्तों को श्रवण कराते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो अपने आप जेल के ताले खुल गए और वासुदेव की बेड़िया खुल गई। जीवंत झांकी के दौरान नन्हें-मुन्हें बच्चों ने भी आकर्षक वस्त्र सज्जा के साथ गोकुल का माहौल तैयार किया। कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान श्रद्वालु धार्मिक भजनों पर बीच-बीच में नृत्य करते नजर आए।  श्रीमद भागवत श्रवण, भगवत नाम स्मरण, तुलसी पूजा एवं गौ सेवा का महत्व बताया।
दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक चलने वाली कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा श्रवण करने के लिए पहुंचे जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही जन्मोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं ने माखन के साथ श्रीकृष्ण की कथा लोगो ने आनंद लिया। इसके पूर्व आयोजक रामलखन यादव ने कथावाचक का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर समाजसेवी सुशांत यादव, पूर्व विधायक लाल बहादुर यादव, राजेन्द यादव, प्रदीप यादव, अशोक यादव, अम्बुज यादव आदि मौजूद रहे।




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