जौनपुर: सीएमओ का दावा- डेंगू की दवा सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध | #AAPKIUMMID
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जौनपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रामजी पाण्डेय ने बताया कि वर्तमान में डेंगू सहित अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के संचरण का काल है। डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जिसका संक्रमण मादा एडीज मच्छर द्वारा एक अस्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ तक किया जाता है। बरसात के मौसम में जब मच्छरों का घनत्व बढ़ जाता है तब डेंगू रोग के संक्रमण का प्रबल सम्भावना रहता है।
कोई भी बुखार डेंगू बुखार हो सकता है, इसलिये बुखार होने पर डेंगू की प्रारम्भिक जांच एनएस 1 अवश्य करायें। इसकी जांच व उपचार सभी सरकारी चिकित्सालयों में निःशुल्क होता है। उन्होंने कहा कि डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षण हैं। जैसे- तेज बुखार, आंख के पीछे दर्द, बदन दर्द, चक्कर, घबराहट, बेचैनी है। डेंगू से बचाव के उपाय बताते हुये कहा कि मच्छरों का प्रजनन ठहरे जल में होता है, इसलिये घर के आस-पास नालियों, गड्ढों, कूलर, टिन पात्र, गमले, टायर सहित अन्य जगहों पर अनावश्यक जलजमाव न होने दें।
साप्ताहिक अन्तराल पर जलजमाव के स्थान पर थोड़ा मिट्टी का तेल या जला मोबिल डाल दें। घर के आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। पूरी आस्तीन का शर्ट एवं फुल पैण्ट पहनें जिससे हाथ-पैर ढंके रहे। खुले अंगों पर मच्छर रोधी क्रीम या तेल लगायें। निजी अस्पतालों व जांच केन्द्रों को डा. पाण्डेय ने निर्देश दिया कि किसी भी रोगी के एनएस 1 धनात्मक पाये जाने पर रोगी का रक्त नमूना कार्यालय जिला मलेरिया अधिकारी को अवश्य प्रेषित करें जिससे सैम्पल सेन्टीनल लैब भेजकर एलाइजा जाच कराकर डेंगू की पुष्टि करायी जा सके।
उन्होंने जनपदवासियों से अपील किया कि डेंगू के जांच व उपचार हेतु कीट, दवा आदि सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध हैं। बुखार आने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय में जांच व उपचार करायें।
कोई भी बुखार डेंगू बुखार हो सकता है, इसलिये बुखार होने पर डेंगू की प्रारम्भिक जांच एनएस 1 अवश्य करायें। इसकी जांच व उपचार सभी सरकारी चिकित्सालयों में निःशुल्क होता है। उन्होंने कहा कि डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षण हैं। जैसे- तेज बुखार, आंख के पीछे दर्द, बदन दर्द, चक्कर, घबराहट, बेचैनी है। डेंगू से बचाव के उपाय बताते हुये कहा कि मच्छरों का प्रजनन ठहरे जल में होता है, इसलिये घर के आस-पास नालियों, गड्ढों, कूलर, टिन पात्र, गमले, टायर सहित अन्य जगहों पर अनावश्यक जलजमाव न होने दें।
साप्ताहिक अन्तराल पर जलजमाव के स्थान पर थोड़ा मिट्टी का तेल या जला मोबिल डाल दें। घर के आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। पूरी आस्तीन का शर्ट एवं फुल पैण्ट पहनें जिससे हाथ-पैर ढंके रहे। खुले अंगों पर मच्छर रोधी क्रीम या तेल लगायें। निजी अस्पतालों व जांच केन्द्रों को डा. पाण्डेय ने निर्देश दिया कि किसी भी रोगी के एनएस 1 धनात्मक पाये जाने पर रोगी का रक्त नमूना कार्यालय जिला मलेरिया अधिकारी को अवश्य प्रेषित करें जिससे सैम्पल सेन्टीनल लैब भेजकर एलाइजा जाच कराकर डेंगू की पुष्टि करायी जा सके।
उन्होंने जनपदवासियों से अपील किया कि डेंगू के जांच व उपचार हेतु कीट, दवा आदि सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध हैं। बुखार आने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय में जांच व उपचार करायें।