जौनपुर। महाराजगंज थाना क्षेत्र निवासी नाबालिग लड़के का अपहरण व यौन शोषण के मामले में जेल में बंद महिला के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने आदेश दिया कि विवेचक ने इस मुकदमे में पीड़ित नाबालिग का मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान नहीं दर्ज कराया और न कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत उम्र निर्धारण के संबंध में विधिक कार्यवाही किया। जिससे प्रतीत होता है कि विवेचक नियमानुसार विवेचना संपादित नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि विवेचक से दोनों बिंदुओं पर आख्या तलब किया जाय। एसपी के जरिए कोर्ट ने दस अक्टूबर को आख्या तलब की।
महराजगंज निवासी नाबालिग लड़के के पिता ने डीएम को दरखास्त देकर प्राथमिकी दर्ज कराया था कि 14 जनवरी को महिला आरोपित व अन्य ने उसके पुत्र का अपहरण किया। उसके लड़के का महिला यौन शोषण कर रही है। जिस पर पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर महिला को कोर्ट में पेश किया गया।
वहां महिला ने अधिवक्ता सूर्य प्रकाश सिंह के माध्यम से दरखास्त कि कि वादी पक्ष ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जिससे वह गर्भवती हो गई। उसके पेट में पल रहे बच्चे एवं आरोपितों का डीएनए टेस्ट कराने से स्पष्ट हो जाएगा कि दोषी कौन है कोर्ट ने महिला की डीएनए टेस्ट का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था।




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