जौनपुर। शीराज-ए-हिन्द जौनपुर का प्रसिद्ध अलम नौचन्दी व जुलूस-ए-अमारी का 79वां दौर अलमदार हुसैन रिजवी की अध्यक्षता में इमामबाड़ा मीर बहादुर अली दालान (पुरानी बाजार) पर सम्पन्न हुआ। इसके पहले जुलूस का आगाज सोजख्वानी से हुआ जिसके बाद शिया धर्मगुरू मौलाना सै. आबिद रिजवी फतेहपुर ने मजलिस को सम्बोधित करते हुये कहा कि हजरत अब्बास को हजरत इमाम हुसैन ने जंग की इजाजत नहीं दी।

उनको नहरे फोरात से पानी लाने के लिये कहा। हजरत अब्बास के नहरे फोरात पर पहुंचते ही फौज में अफरा-तफरी मच गयी। हजरत अब्बास ने मश्क में पानी भरा लेकिन प्यासे होने के बावजूद भी खुद पानी नहीं पिया। मजलिस के पश्चात अलम जुलजनाह निकला जिसमें विभिन्न जाति एवं सम्प्रदाय के हजारों ने भाग लिया। इस मौके पर मो. हसन ने जुलूस निकाले जाने के कारण पर प्रकाश डाला। जुलूस के साथ अंजुमनें नौहा मातम करती हुईं चल रही थीं।
जुलूस जब इमामबाड़ा मीरघर पहुंचा तो तकरीर हुई जिसे डा. कमर अब्बास ने सम्बोधित किया। एक ताबूत जनाबे सकीना निकला जिसे अलम मुबारक से मिलाया गया। जुलूस के सचिव सैयद शहेन्शाह हुसैन रिजवी ने सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया। जुलूस के सदर इमामबाड़े पहुंचने पर तकरीर हुई जिसे मौलाना रजी बिस्वानी ने सम्बोधित किया। जुलूस का संचालन सै. खादिम अब्बास रिजवी ने किया।



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