जौनपुर। तीन तलाक संबंधी कानून और उसके संबंध में सजा का प्रावधान होने के बावजूद यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को कोर्ट परिसर में ही शौहर ने बीवी को तीन तलाक दे दिया। वह बीवी पर मुकदमे में सुलह कर के घर जाने का दबाव बना रहा था जबकि बीवी का कहना था कि वह उसे प्रताड़ित करता है उसके साथ नहीं रहेगी। बीवी ने अपने अधिवक्ता से प्रार्थना पत्र लिखवा कर पति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस अधीक्षक से मिलने शुक्रवार को गई। लेकिन संयोग से मुलाकात नहीं हो सकी।

आशमा का निकाह खेतासराय निवासी सिकंदर के साथ सात मार्च 2016 को हुआ था। विवाद होने पर दस मई 2017 को वह मायके चली आई। उसका शौहर से मुकदमा दीवानी न्यायालय में चल रहा है। शुक्रवार को मुकदमे की पैरवी के लिए दोनों आए थे। आशमा का आरोप है कि करीब एक बजे जब वह अपने अधिवक्ता के सीट पर बैठी थीं। तभी सिकंदर आया और मुकदमे में सुलह के लिए दबाव बनाते हुए साथ चलने को कहा। जब उसने कहा कि तुम मुझे प्रताड़ित करते हो तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी। तब सिकंदर ने आवेश में आकर कहा कि यदि तुम मुकदमे में सुलह नहीं करोगी और साथ नहीं जाओगी तो तुम्हें तीन तलाक दे दूंगा। उसके यह कहने पर कि अब तीन तलाक दोगें तो जेल जाओगे सजा होगी।
सिकंदर ने कहा कि वह शरीयत के हिसाब से चलता हैं। नए कानून को नहीं मानता। यह कहते हुए उसने वहीं आशमा को तीन बार तलाक बोल दिया और चला गया। अपनी मां के साथ आई आशमा,वहां बैठे अधिवक्ता सिकंदर के इस तेवर को देखकर अवाक रह गए। आशमा के कहने पर उसके अधिवक्ता ने दरखास्त बनाई जिसे लेकर वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय गई लेकिन मुलाकात न हो सकी तब उसने दीवानी न्यायालय आकर रजिस्टर्ड डाक से पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र भेजकर पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की।



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