प्लाज्मा लीकेज होना डेंगू के जानलेवा लक्षण हैं। मानसून में डेंगू का असर फिर से व्याप्त हो रहा है। इसके रोकथाम व अन्य जानकारी के बारे में लोगों को जागरूक करना है। जिससे लोगों के अंदर भरे खौफ से निपटा जा सके। डेंगू बुखार मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। यह चार किस्मों के डेंगू वायरस के संक्रमण से होती है, जो मादा एडीस मच्छर के काटने से फैलता है।
डेंगू के लक्षण:
तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों के दर्द और त्वचा पर हल्के रैशेज होना डेंगू बुखार के लक्षण हैं। हालांकि कुछ बच्चों में लाल और सफेद निशानों के साथ पेट खराब, जी मिचलाना, उल्टी आदि हो सकता है।

विशेषज्ञ की राय:
इसके बारे में विशेषज्ञ बताते हैं कि प्लाज्मा लीकेज डेंगू का सबसे स्पष्ट और जानलेवा लक्षण है जो बीमारी होने के 3 से 7 दिनों के अंदर होता है। पेट में तेज दर्द, लगातार उल्टी आना, बेचैनी या सुस्ती, तेजी से शरीर का तापमान कम हो तो यह खतरे की घंटी है। तुरंत छाती का एक्सरे-रेडियोग्राफी के साथ छाती और पेट का अल्ट्रासाउंड करवाकर प्लाज्मा लीकेज का पता करना चाहिए। इस समय मरीजों को पानी खूब पीना चाहिए और इसके रोकथाम के लिए डाक्टर से राय लेनी चाहिए।
अगर प्लाजमा लीकेज हो जाए तो वस्कुलर प्रिमिबिल्टी 24 से 48 घंटों में बनती है। अगर सहायक इलाज में देरी हो जाए तो प्लाज्मा लीकेज वाले मरीजों को शॉक हो सकता है और जान जाने का खतरा 12 प्रतिशत तक हो जाता है। प्लाज्मा लीकेज के बाद 60 प्रतिशत मरीजों में पेट दर्द की शिकायत पाई जाती है। डेंगू के मरीजों को आराम करना चाहिए।




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