• 17 जुलाई से आरम्भ होकर 15 अगस्त को सावन का होगा समापन
  • सावन मास में बुधवार एवं गुरूवार की हो रही है पांच बार आवृत्ति
जौनपुर। शिव समर्पित सावन सौभाग्य लेकर आ रहा है। इस बार सावन में पांच बार बुधवार व गुरूवार की आवृत्ति से समृद्धशाली संयोग प्राप्त हो रहा है। ज्योतिषी डा. शैलेश मोदनवाल का कहना है कि बुधवार के देव बुध जबकि गुरूवार के देव स्वयं गुरू बृहस्पति हैं।
ये दोनों ग्रह शुभ ग्रह होने के साथ ही शुभ फलों के अधिष्ठाता माने जाते है। 17, 24, 31 जुलाई तथा 7 व 14 अगस्त को बुधवार पड़ रहा है। जबकि 18, 25, जुलाई 1, 8 तथा 15 अगस्त को गुरूवार पड़ेगा। इस तरह सावन मास में शुभ फलों की वृद्धि और समृद्धि दोनों ही प्राप्त होगा। इसके साथ ही सावन में ही 29 जुलाई व 12 अगस्त को सोमप्रदोष का पावन संयोग प्राप्त होगा। 17 जुलाई बुधवार को ही सूर्यदेव भी कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इस प्रकार सावन मास विभिन्न विशेषताओं से युक्त है। इस माह में की गई शिव आराधना सुख समृद्धि प्रदायक होगी।
कैसे करें पूजन
जौनपुर। सावन मास भर भगवान शिव को नित्य जल, दूध व पंचामृत जो सुलभ हो चढ़ाएं। त्रिदलयुक्त बिल्वपत्र, समीपत्र, दूर्वा, मन्दार, धतूरा व भांग आदि चढ़ाएं। शिवजी को धूप दीप आदि अवश्य दिखाएं। धन प्राप्ति के लिए शिव को अखंडित चावल अर्पण करने चाहिए। शिव को खड़ा मूंग अर्पण करने से समृद्धि की प्राप्ति होती है। शिव पंचाक्षरी मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का एक माला नित्य जाप करना चाहिए। नित्य रूद्राष्टक स्तोत्र व शिव मानस पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। शिवार्चन के समय मस्तक पर भस्मी व गले में रुद्राक्ष की माला अवश्य धारण करनी चाहिए। शिव पूजन से दूर होते हैं कष्ट।
श्रद्धा से सावन मास में शिव की पूजा अर्चना करने से साधक के कष्ट दूर होते है। सावन मास भर शिव के सौम्य रूप का दर्शन मिलता है, शिव को सौम्य रूप में मनाना आसान होता है। श्रावण मास के किसी शुक्रवार को यथाशक्ति (जितना संभव हो) चावल भगवान शिव के मन्दिर में ले जाएं। अब अपने दोनों हाथों में जितने चावल आ जाएं उतने शिव को अर्पण कर दें और भगवान शिव से धन प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। जितने अक्षत के दानें शिव को अर्पण किये जाते है, उसका उतने ही हजार गुना फल मिलता है। अब बचा हुआ चावल गरीबों में बांट दें। यह धन प्राप्ति का अचूक उपाय है।
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