जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के इंजीनियरिंग संस्थान में बुधवार को फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में चिकित्सा विज्ञान संस्थान कोड़ागु कर्नाटक के ट्रांस्फ्यूशन चिकित्सा विभाग की प्रमुख प्रो. डीएन लक्ष्मी ने बायो सेंसर विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
साथ ही कहा कि नैनो टेक्नोलॉजी ने बायो सेंसर के क्षेत्र में क्रांति लायी है। इससे कैंसर सहित अन्य असाध्य रोगों का पता अतिशीघ्र लग जाता है। उन्होंने रोगों के उपचार के क्षेत्र में फोटोनिक्स की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये कहा कि मानव की नाक जिन पदार्थों की महक का पता नहीं लगा सकती, ऐसे पदार्थों की गंध का पता नैनो आधारित बायो सेंसर द्वारा निर्मित कृत्रिम नासिका द्वारा आसानी से किया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने डीएनए आधारित पीजो इलेक्ट्रिक बायो सेंसर पर अपनी बात रखी।
इसी क्रम में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के प्रोफेसर गोपाल कृष्ण हेगड़े ने फोटोनिक्स उपकरणों के निर्माण की प्रक्रिया प्रकाश डाला। वहीं हासन कर्नाटक के मलनाड इंजीनियरिंग कालेज के  प्रो. श्रीकांत ने फोटोनिक्स बैण्डगैप सेंसर विषय पर चर्चा करते हुये कहा कि विभिन्न नैनोस्ट्रक्चर का उपयोग करके संचार के अत्याधुनिक उपकरण एवं अतिदक्ष सुपर कम्प्यूटर व सोलर पैनल बनाये जा सकेंगे।
इस मौके पर आये अतिथियों का स्वागत करते हुये टेकिप समन्वयक प्रो. बीबी तिवारी परिचय कराया। इस अवसर पर संयोजक डा. रवि प्रकाश, ज्योति सिंह, डा. रजनीश भास्कर, प्रवीण सिंह, सत्यम उपाध्याय, कृष्णा यादव, प्रीती शर्मा, पीसी यादव, पूनम सोनकर, तुषार श्रीवास्तव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।




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