• तकनीकों के समागम से हुआ थ्री डाइमेंशनल होलोग्राफी का निर्माण

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में विश्व बैंक के माध्यम से संचालित हो रहे टीक्यू आईपी-।।। परियोजना के अंतर्गत कॉलेज आफ इंजीनियरिंग हासन, मेंटर संस्था पीईएस कॉलेज आफ इंजीनियरिंग मांड्या एवं उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे पांच दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुक्रवार को समापन हुआ।समापन सत्र में प्रतिभागियों को आयोजकों द्वारा प्रमाण पत्र एवं अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
इसके पूर्व आयोजित सत्र में केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन चंडीगढ़ के वैज्ञानिक डॉ. राजकुमार थ्री डाइमेंशनल होलोग्राफी पर व्याख्यान दिया। कहा कि यह तकनीक देशभर में धूम मचा रही है। बड़े-बड़े नेता और अभिनेता अपने अपने प्रचार के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं। इस तकनीक में दो तकनीक थ्री डी एवंं होलोग्राम का संगम है। तकनीकों का संगम होता है तो थ्री डाइमेंशनल होलोग्राफी का निर्माण होता है। इस तकनीक में एक पारदर्शी रंगीन प्रकाश का प्रयोग किया गया।
इस तकनीक में कई शोध चल रहे हैं जिनसे भविष्य के स्मार्टफोन, स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को देने में थ्री डी होलोग्राफी, वाई एक्स रे या स्कैनिंग अल्ट्रासाउंड जैसे चिकित्सक सेवाओं को देने में किया जा सकता है। प्रोफेसर श्रीकांत कर्नाटक ने अपने समापन भाषण में कहा कि उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान और कॉलेज आफ इंजीनियरिंग, हासन कर्नाटक पारस्परिक सहयोग के माध्यम से फोटोनिक नवाचार की दिशा में कदम उठा सकते हैं।
इस अवसर पर प्रोफेसर बीबी तिवारी ने अतिथियों आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक ज्योति सिंह एवं डॉ. रवि प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस मौके पर डॉ. संतोष कुमार, प्रवीण सिंह, शैलेश प्रजापति, रितेश बरनवाल, दिलीप यादव, सुनील, सुधीर सिंह, पूनम, जया, विशाल यादव आदि मौजूद रहे।




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